छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : कोल्हान यूनिवर्सिटी द्वारा बीएड कोर्स का ड्यूरेशन दो साल होने के नाम पर फीस को तीन गुना से ज्यादा बढ़ा तो दिया गया पर कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान नहीं रखा गया। बीएड की फीस 40 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 40 हजार तो कर दी गई। पर इसमें एससी, एसटी कैटेगरी की कहीं चर्चा नहीं है। सिर्फ इतना ही नहीं, सभी कॉलेजेज में फीस में यूनिफॉर्मिटी की बात करने वाला केयू एडमिनिस्ट्रेशन फीस तय करते समय इसे भूल गया।

28 से 40 और अब 1 लाख 40 हजार

सिर्फ दो साल पहले तक। यानी 2013 में केयू के कांस्टीट्यूएंट कॉलेजेज में बीएड की फीस जेनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए 28 हजार और एससी, एसटी कैटेगरी के लिए 24 हजार थी। लास्ट इयर फीस को रिवाइज किया गया और जेनरल-ओबीसी के लिए 45 और एससी, एसटी के लिए 35 हजार फीस तय की गई। इस बढ़ोत्तरी का विरोध हुआ तो जेनरल-ओबीसी कैटेगरी की फीस 40 हजार और एससी, एसटी के लिए 32 हजार फीस तय की गई। इस साल तो फीस बढ़ोत्तरी की हदें पार करते हुए केयू ने दो साल (एनसीटीई के नॉ‌र्म्स के एकॉर्डिग इस साल से बीएड कोर्स का ड्यूरेशन दो साल का हो जाएगा) की फीस 1 लाख 40 हजार रुपए कर दी गई। कोर्स का ड्यूरेशन डबल हुआ पर फीस साढ़े तीन गुना बढ़ा दी गई।

तो प्राइवेट कॉलेज की बल्ले-बल्ले

कोल्हान यूनिवर्सिटी के मैक्सिमम कांस्टीट्यूएंट बीएड कॉलेजेज में इस कोर्स को बंद करने का फरमान एनसीटीई पहले ही जारी कर चुका है। केयू के सिर्फ दो कांस्टीट्यूएंट कॉलेजेज जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज और को-ऑपरेटिव कॉलेज में ही बीएड को नेक्स्ट सेशन के लिए मंजूरी मिल पाई है। केयू के पांच कांस्टीट्यूएंट कॉलेजेज, ग्रेजुएट कॉलेज, टाटा कॉलेज चाईबासा, महिला कॉलेज चाईबासा, बहरागोड़ा कॉलेज और जेएलएन कॉलेज चक्रधरपुर में बीएड को पहले ही बंद करने का फरमान जारी हो चुका है। ऐसे में जाहिर है कि प्राइवेट (एफिलिएटेड) कॉलेजेज का बोलबाला होगा। जब कांस्टीट्यूएंट कॉलेजेज में 40 हजार रुपए फीस थी तब प्राइवेट कॉलेजेज प्रत्येक स्टूडेंट्स से 1 लाख रुपए तक वसूलते थे। अब क्या होगा, यह समझा जा सकता है। केयू के पांच एफिलिएटेड कॉलेजेज को नए सेशन के लिए पहले ही मान्यता मिल चुकी है।

एचओडी/प्रिंसिपल की सैलरी होगी 75 हजार पर मंथ

कोल्हान यूनिवर्सिटी द्वारा बीएड फी स्ट्रक्चर के साथ ही टीचर्स, एचओडी या प्रिंसिपल और नॉन टीचिंग स्टाफ की सैलरी भी तय कर एचआरडी को भेजा जा रहा है। एसिस्टेंट प्रोफेसर की संख्या 16 होगी। बुधवार को केयू की सिंडिकेट मीटिंग में टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ की सैलरी क्या तय हुई है, आइए जानते हैं

एनसीटीई के नॉ‌र्म्स को फॉलो नहीं करेंगे तो बीएड बंद कर देना पड़ेगा

बीएड की फीस साढ़े तीन गुना बढ़ाए जाने के प्रस्ताव और उसके विरोध के बीच हमने कोल्हान यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ आरपीपी सिंह से बात की।

सवाल - फीस साढ़े तीन गुना क्यों बढ़ा दी गई?

जवाब - फीस बढ़ाए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। सबसे पहले तो यह बता दूं कि हमने सिर्फ एक प्रस्ताव भेजने का फैसला किया है। अभी बढ़ाई नहीं गई है। दूसरी बात वास्तविकता को जानना जरुरी है। एनसीटीई नॉ‌र्म्स फॉलो नहीं करने की वजह से बीएड बंद करता जा रहा है। उसके नॉ‌र्म्स के एकॉर्डिंग टीचर्स की सैलरी और नॉन टीचिंग स्टाफ की संख्या नहीं होगी तो फिर आगे चलकर प्रॉब्लम होगी और बीएड बंद करना पड़ जाएगा।

सवाल - फीस बढ़ाई गई पर इसमें एससी, एसटी कैटेगरी के लिए अलग से फी स्ट्रक्चर की बात नहीं है, जबकि हर बार इन कैटेगरीज के लिए फी स्ट्रक्चर अलग होता था?

जवाब - हां, यह बात सही है कि हमने एससी, एसटी कैटेगरी के लिए अलग से फी स्ट्रक्चर नहीं तैयार किया है। वैसे भी इन कैटेगरीज के स्टूडेंट्स की फीस तो माफ हो जाती है। हमने सरकार को प्रस्ताव भेजा है, उस पर जो कहा जाएगा वह करेंगे।

सवाल - कितनी संख्या हो जाएगी टीचर्स की, नॉन टीचिंग स्टाफ कितने होंगे?

जवाब - जब कोर्स दो साल का हो जाएगा और स्टूडेंट्स की संख्या डबल हो जाएगी तो टीचर्स की संख्या भी अभी से दोगुनी होगी। एनसीटीई ने तय कर रखा है कि कितने टीचर्स रखने हैं। नॉन टीचिंग स्टाफ के बारे में भी एनसीटीई ने संख्या तय कर रखी है।

सवाल - आपको नहीं लगता कि कांस्टीट्यूएंट कॉलेजेज में बीएड बंद होने और फिर फीस इतनी बढ़ा दिए जाने के बाद प्राइवेट बीएड कॉलेजेज की मनमानी और बढ़ जाएगी?

सवाल - हमेशा से बीएड की फीस में यूनिफॉर्मिटी की बात की जाती रही है। पर केयू के प्रस्ताव में ऐसा नहीं है?

जवाब - हमने सिर्फ कांस्टीट्यूएंट कॉलेजेज के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। प्राइवेट बीएड कॉलेजेज के नहीं।

जवाब - प्राइवेट कॉलेज की असलियत तो हम सभी जानते हैं। जब हमारे यहां कम फीस थी तब भी वे ज्यादा लेते थे। इतना जरुर कह सकता हूं कि हमारे कांस्टीट्यूएंट कॉलेजेज में अच्छे टीचर्स हैं।