-ऑटो लिफ्टिंग के आरोप में पकड़े गए अनुज को यूपी 100 ने किया था कोतवाली पुलिस के हवाले
-क्राइम ब्रांच की टीम पर कोतवाली से साथ में ले जाकर पूछताछ के दौरान पिटाई का आरोप
BAREILLY: पुलिस की पिटाई से घायल वाहन चोर अनुज की एक महीने बाद वेडनसडे सुबह डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई। आरोप है कि क्राइम ब्रांच की पिटाई से अनुज की हालत बिगड़ी थी। अनुज की मौत की खबर पर परिजनों ने हंगामा किया तो पोस्टमार्टम हाउस पर फोर्स तैनात कर दी गई। डीएम पिंकी जोवेल व एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से बात की। कोतवाली में अनुज की मां सुनीता भटनागर की तहरीर पर अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। डीएम ने मामले की मजिस्ट्रेटीयल जांच का आदेश दिया है। कोतवाली में 5 साल पहले भी कस्टोडियल डेथ से दीपक यादव की मौत हुई थी।
21 अप्रैल को पकड़ा गया था अनुज
26 वर्षीय अनुज भटनागर मूलरूप से खटीमा के राजीव नगर का रहने वाला था। अनुज के परिवार में पिता अवधेश, मां सुनीता भटनागर और 2 भाई हैं। वह 20 अप्रैल को भूड़ प्रेमनगर में अपनी बहन शालिनी के घर आया था। 21 अप्रैल को उसे बिहारीपुर के पास से चोरी की बाइक के साथ बाइक मालिक अखिल कुमार ने पकड़ लिया था और यूपी 100 को बुलाकर पुलिस के हवाले कर दिया था। निखिल की बाइक सिटी डाकघर के पास से चोरी हुई थी। यूपी 100 ने उसके फोटोग्राफ भी खींचे थे तब वह सही सलामत था। फिर उसे कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया था। यहां पर एक अधिकारी ने पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच को बुला लिया था। ताकि पूछताछ में किसी बड़े रैकेट का खुलासा हो सके। क्राइम ब्रांच उसे अज्ञात स्थान पर पूछताछ के लिए लेकर गई थी।
काफी इलाज, पर नहीं बची जान
क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के दौरान उसकी पिटाई की थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। तबीयत बिगड़ने पर एसएचओ कोतवाली केके वर्मा को बुलाया गया था। एसएचओ ने उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया था और फिर उसे भोजीपुरा स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए थे। उसे खून की कमी थी। ज्यादा हालत खराब होने पर उसे पीजीआई रेफर किया गया था, लेकिन वहां उसे 24 घंटे तक एंट्री ही नहीं मिली थी। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने उसे केजीएमसी में एडमिट कराया था।
बचाने की पूरी कोशिश
ट्यूजडे को केजीएमसी उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था। परिजन उसे घर ला रहे थे तो अचानक तबीयत फिर से बिगड़ गई तो उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। कांस्टेबल अवनीश को लगा कि शायद अनुज की जान बच जाए तो उसे भोजीपुरा लेकर गया, लेकिन उसकी जान जा चुकी थी। पोस्टमार्टम हाउस पर अनुज की मौत पर गुस्साए परिजनों ने हंगामा किया तो मौके पर कई थानों की फोर्स तैनात कर दी गई। पोस्टमार्टम के बाद एसएचओ कोतवाल केके वर्मा ही पुलिस टीम के साथ शव को पीलीभीत स्थित घर पर लेकर गए।
शरीर पर पिटाई के निशान
अनुज के शरीर पर पिटाई के निशान कुछ और ही हकीकत बयां कर रहे हैं, इससे साफ है कि उसकी क्राइम ब्रांच ने पिटाई की थी। उसके शरीर पर डंडे से चोट के निशान बताए जा रहे हैं। अनुज भले पहले से बीमार रहा हो, लेकिन उसकी तबीयत पुलिस की पिटाई से ही बिगड़ी थी।
खुद को बचाने के लिए पुलिस का खेल
-पुलिस ने सबसे पहले वाहन मालिक निखिल व भीड़ पर पिटाई का आरोप लगाया था, लेकिन यूपी 100 ने उसे सही सलामत कोतवाली पुलिस को सौंपा था। यूपी 100 ने उसके फोटोग्राफ भी अधिकारियों को दिए हैं, जिसमें अनुज सही सलामत है।
-कोतवाली में कम्प्यूटराइज्ड के साथ-साथ मैनुअल जीडी भी चलती है। मैनुअल तस्करे में लिखा गया है कि निखिल ने वाहन चोर को पकड़कर यूपी 100 के हवाले किया। वाहन चोर ने अपने शरीर में पब्लिक की पिटाई से दर्द होना बताया था। कम्प्यूट्राइज्ड तस्करे में अनुज की जगह अर्जुन लिखा गया है।
-दूसरे तस्करे में लिखा गया है कि अनुज ने पूछताछ में बताया कि भोजीपुरा स्थित एसआरएमएस हॉस्पिटल के स्टैंड और तीन चोरी की बाइक हॉस्पिटल के सामने उसके मामा संदीप के घर खड़ी हैं।
-तीसरे तस्करे में लिखा गया है कि क्राइम ब्रांच के एचसीपी जगवीर सिंह, कांस्टेबल राहुल कुमार, अरुण कुमार और प्रतीक ने पीआरवी के एसआई सर्वेश कुमार और कांस्टेबल पुलकित के साथ पूछताछ की,
-जबकि पीआरवी कोतवाली में चोर को सौंपने के बाद चली गई थी, लेकिन खुद को बचाने के लिए दो बार तस्करे में पीआरवी को शामिल किया गया है
मंडल में बढ़े पुलिस की बर्बरता के मामले
24 मई को कोतवाली में कस्टडी में पुलिस की पिटाई से घायल वाहन चोर अनुज की मौत
20 मई को सेटेलाइट पर चाय वाले राकेश की एसएचओ बारादरी ने की थी जमकर पिटाई
22 मई को बदायूं में सपा नेता की हवालात में पिटाई में एसएचओ को सस्पेंड ि1कया गया
कांटों भरा ताज है कोतवाली
कोतवाली का ताज कांटों भरा ही रहा है। ऐसा कोतवाली का इतिहास बयां कर रहा है। पिछले पांच वर्षो में कोतवाल या तो सस्पेंड या फिर लाइन हाजिर ही हुए हैं।
-जून 2012 में कोतवाल राजा सिंह को महिला थाना में नगर निगम चुनाव के दौरान सपा नेत्री की पिटाई के मामले में लाइन हाजिर किया गया था।
-कोतवाल वीरेंद्र सिंह यादव को सितंबर 2012 में दीपक की कस्टडी में मौत होने के बाद सस्पेंड कर दिया गया था, दो कांस्टेबल भी सस्पेंड हुए थे
-कोतवाल राकेश वशिष्ठ को डीआईजी व एसएसपी के खिलाफ मोर्चा खोलने के मामले में लाइन हाजिर कर दिया गया था
-कोतवाल शक्ति सिंह को एसएसपी की बिना परमिशन के जमीन की ठगी के मुलजिम को हवाई यात्रा से बरेली पकड़कर लाने में लाइन हाजिर किया गया था
-कोतवाली देवेश सिंह को एसपी सिटी को साइड कर साइबर ठगी के मामले में 20 लाख रुपए ले लेने के मामले में लाइन हाजिर किया गया था
-कोतवाल बाबर को रामपुर गार्डन में कोरल मोटर के मालिक के घर 2 करोड़ की डकैती और खुलासा न होने पर लाइन हाजिर किया गया था
-कोतवाल अनिल समानिया को रामपुर गार्डन की 2 करोड़ की डकैती को फर्जी खोलने के शक और अधिकारियों से मोर्चा लेने के मामले में हटाया गया था
युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई है। उसकी पुलिस पूछताछ के दौरान तबीयत बिगड़ी थी। पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है।
रोहित सजवान, एसपी सिटी बरेली