RANCHI : कोतवाली थाना एरिया के रेडियम रोड से इस साल एक अगस्त को जो नाबालिग युवती लापता हुई थी, उसे बंजारा गिरोह ने अगवा किया था। यह गिरोह उस नाबालिग से ट्रेनों में भीख मंगवाता था। इस दौरान उसपर गिरोह के कुछ अपराधी पैनी निगाह रखते थे। जब कभी वह भागने की कोशिश करती, उसके शरीर को सिगरेट से दागा जाता था। इसके अलावा बंद कमरे में उसे भूखे रखा जाता था। कोतवाली पुलिस ने सूचना मिलने के बाद मध्यप्रदेश के रीवा से युवती को बंजारा गिरोह के चंगुल से सकुशल बरामद किया तो इसका खुलासा हुआ। हालांकि, इस मामले में किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

रामगढ़ में लिया था कब्जे में

युवती ने पुलिस को जो बताया उसके मुताबिक, रामगढ़ में उसकी मुलाकात बंजारा गिरोह से हुई थी। गिरोह के सदस्य उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए। इसके बाद बंधक बना भीख मंगवाना शुरू किया। कभी जम्मूतवी एक्सप्रेस तो कभी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में भीग मंगवाया जाता था। इस दौैरान गिरोह के कुछ अपराधी नजर रखने के लिए ट्रेन में मौजूद रहते थे। उसने यह भी बताया कि भीख मांगने के कमीशन के तौर पर उसे दो सौ रूपए मिलते थे। पर, कभी-कभी भीख कम मिलने से उसे ताबे से दागा जाता था। उसके साथ मारपीट की जाती थी।

ऐसे नाबालिग का चला पता

परिजन लगातार डेढ़ महीने से बेटी की तलाश कर रहे थे। इस बाबत थाने में भी सनहा दर्ज कराया गया था, पर उसका कोई अता-पता नहीं चल रहा था। एक दिन पिता ने अपनी बेटी के मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो कॉलर ने रिसीव कर लिया। इस दौरान पता चला कि वह रामगढ़ में है। जब पुलिस उसकी बरामदगी को लेकर रामगढ़ पहुंची तो उसके रीवा में होने की बात पता चली। इसके बाद पुलिस ने रीवा से युवती को सकुशल मुक्त करा लिया।

क्या था मामला?

जानकारी के मुताबिक, एक अगस्त को रेडियम रोड से एक 17 वर्षीय युवती लापता हो गई थी। पिता ने इस संबंध में कोतवाली थाना में सनहा दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनकी बेटी अपनी नानी के यहां आई थी, इसके बाद से वह लापता थी। इस मामले में पुलिस ने विक्की पासवान नामक एक युवक को हिरासत में लिया था। विक्की के पिता विधानसभा अध्यक्ष के गार्ड के रूप में तैनात हैं। हालांकि, विक्की ने पुलिस को बताया था कि वह युवती से रातू स्थित एक पार्क में मिला था। इसके बाद उसने युवती को काठीटांड के पास छोड़ दिया था। यहां से वह लोहरदगा चली गई थी। उसने यह भी कहा कि युवती को उसने दो हजार रुपए भी दिए थे।