RANCHI: वाह रे रांची पुलिस? न पता पूछा, न आईडी। महिला को जीप में बिठाकर थाने ले आई। थाने में अन्य पुलिसकर्मियों ने पूछताछ इस अंदाज में की जैसे कि वो चोर गिरोह की सरगना हो। घटना कोतवाली थाना क्षेत्र में घटी। जब पुलिस को पता चला कि जिस महिला और उसके बच्चे को पुलिस स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से उठा कर लाई है, वह कोई और नहीं बल्कि रांची जिला पुलिस के पीसीआर में तैनात है और वर्तमान में उसे जलवाहक बनाया गया है। फिर, वहां उपस्थित पदाधिकारी ललन पांडेय ने टाइगर मोबाइल के जवान को फोन पर डांट पिलाई। इसके बाद उस महिला की आई कार्ड चेक की गई, तो पुलिस हतप्रभ रह गई।

क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक, महिला पुलिसकर्मी सुमित्रा देवी पुलिस लाइन के महिला बैरक में रहती है। मूल रूप से वह लोहरदगा की रहनेवाली है। लोहरदगा में उसके छोटे बेटे का एक्सीडेंट हो गया था। इसकी जानकारी उसके बेटों ने उसे दी। फिर सुमित्रा देवी ने अपने बेटों को पैसे देने के लिए रांची बुलाया। यहां वह बेटों के साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सामने स्कूटी लगाकर हाथ में हेलमेट लेकर बैंक परिसर के आसपास घूमने लगी। इसी क्रम में वहां मौजूद टाइगर के जवान को चारों युवक संदिग्ध दिखे। इस पर टाइगर ने तुरंत वायरलेस सेट से मोबाइल को बुलाया और फिर उन्हें उनके हवाले कर दिया। महिला पुलिसकर्मी ने देखा कि उसके बच्चे बैंक में नहीं आ रहे हैं। इस पर वह बाहर निकलीं तो मोबाइल वाहन उनलोगों को वहां से बिठाकर कहीं ले जा रहा था। इसी बीच महिला पुलिसकर्मी भी पहुंच गई। उसे भी पुलिस ने जीप में बिठा लिया। इसके बाद कोतवाली थाना ले आए।

बच्चों का हुलिया भी शक की वजह

महिला पुलिसकर्मी के बच्चे के बाल और हुलिया भी टाइगर पुलिस के लिए शक की वजह बने। जब उसने इन बच्चों से पूछताछ की तो कहा गया कि बाइक कहां है, तो इन लड़कों ने पुलिस को झूठ बोला कि बाइक उसका दोस्त ले गया है। बाद में महिला ने कहा कि इनलोगों के पास बाइक नहीं है, स्कूटी है।

कोट

पुलिस को सख्त हिदायत है कि बैंक परिसर के आसपास किसी को कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखता है तो उसकी वेरीफाई करें। संदिग्ध लगने की स्थिति में उसे थाना ले जाएं। टाइगर मोबाइल ने वही किया।

-श्यामानंद मंडल, इंस्पेक्टर, कोतवाली