JAMSHEDPUR: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के सभी कॉलेज बुधवार को तीन दिन की छुट्टी के बाद खुल गए। इंटर व यूजी पार्ट वन के परीक्षा फार्म भरने में काफी कम समय बच जाने के कारण एक साथ शहर के कॉलेजों में 25 हजार छात्र-छात्राओं का हुजूम उमड़ पड़ा। इस कारण कॉलेजों में अव्यवस्था का आलम दोपहर के एक बजे रहा। अव्यवस्था के कारण ग्रेजुएट और वीमेंस कॉलेज में छात्राओं के बीच मारपीट हुई तो को-ऑपरेटिव कॉलेज में छात्रों के बीच हाथापाई हुई। इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी कॉलेज के प्राचार्यों का पसीना भी छूट रहा था। हालांकि सभी कॉलेजों को इस भीड़ की उम्मीद पहले से ही थी। कॉलेजों में पहले फार्म पाने के लिए छात्रों के बीच नोकझोंकभी हुई। हालांकि कहीं भी कोई बड़ी घटना नहीं घटी और शिक्षकों ने समय रहते छात्रों को समझा लिया।

फ‌र्स्ट सेमेस्टर का फॉर्म

मालूम हो कि सीबीसीएस प्रणाली के तहत होने वाले प्रथम सेमेस्टर केलिए कॉलेजों में यूजी प्रथम वर्ष के छात्रों का परीक्षा फार्म भरा जा रहा है। इसकी अंतिम तिथि 19 जनवरी है। इस लिए सभी छात्र-छात्राएं समय रहते परीक्षा फार्म भर लेना चाहते हैं। परीक्षा फार्म भरने को लेकर सबसे अधिक भीड़ साकची स्थित ग्रेजुएट कॉलेज, बिष्टुपुर के वीमेंस कॉलेज तथा को-ऑपरेटिव कॉलेज में देखने को मिली। जहां सुबह 9 बजे से लंबी लाइन देखी गई। यह लाइन दोपहर एक बजे तक रही। इस दौरान एक दूसरे से आगे निकलने के लिए छात्राओं के बीच धक्कामुक्की भी हुई। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। यहां इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा का फार्म भरने के लिए भी छात्राओं की भीड़ देखी गई। कई रजिस्ट्रेशन स्लिप लेती नजर आयी।

समय को लेकर छात्र दिखे नाराज

परीक्षा फार्म भरने के लिए केयू द्वारा निर्धारित तिथि से कई छात्र नाराज दिखे। उनका कहना था कि विवि ने जो तिथि तय की है, उसमें चार दिन छुट्टी में ही निकल गया। फार्म भरने के लिए उन्हें तीन दिन का ही समय बचा है। जबकि विद्यार्थियों की संख्या हजारों में हैं। इसी का असर है कि कॉलेज खुलने के साथ ही इतनी भीड़ नजर दिख रही है। क्योंकि 19 तक जो फार्म नहीं भर पाएगा उन्हें विलंब शुल्क देकर फार्म भरना होगा।

ग्रेजुएट में बवाल

इंटर कॉमर्स का परीक्षा फार्म सत्यापन न होने से नाराज छात्राओं ने कॉलेज में जमकर हंगामा किया। छात्राओं का कहना था कि सभी कक्षाएं की। इसके बावजूद यह सत्यापन कार्य नहीं हो रहा है। दरअसल, इस कार्य के लिए बीएन ओझा अधिकृत थे, लेकिन वे बुधवार को कॉलेज में नहीं थे। इस कारण यह हंगामा हुआ।