छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) सहित कंस्टीचुएंट कॉलेज में नौकरी कर रहे करीब दो दर्जन शिक्षकों की पीएचडी डिग्री संदेह के दायरे में है। शिकायत मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन इन शिक्षकों की डिग्री की जांच कराने की तैयारी में है। पीएचडी घोटाले की जांच कर रही केयू की उच्च स्तरीय कमेटी को मिली शिकायत में कहा गया है कि वर्ष 2009 के बाद पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाले करीब दो दर्जन से अधिक शिक्षकों की डिग्री की जांच कराई जाए। शिकायतकर्ता हेमंत पाठक का तर्क है कि विवि के छात्रों की डिग्री की जांच हो रही है तो अलग-अलग कमेटियों में महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी उठा रहे लोगों की डिग्री की भी जांच की जाए। शिकायत के अनुसार विवि के दर्जनों शिक्षकों ने 2009 के बाद पीएचडी की डिग्री हासिल की है। यूजीसी की ओर से 2009 में शोध को लेकर जारी गाइड लाइन के आलोक में ऐसे शिक्षकों की डिग्री की जांच की जाए। विवि से वेतन लेते हुए भी कई शिक्षकों ने शोध कार्य किया है। इन शिक्षकों की ओर से किए गए कोर्स वर्क, पीएचडी के लिए लिए गए अवकाश सहित तमाम तथ्यों की जांच होनी चाहिए। इन मामलों में भी नियमों के अनुपालन की प्रक्रिया को देखा जाना चाहिए। कई मामले में खुद पीएचडी की संदेहास्पद डिग्री रखने वाले लोग दूसरे छात्रों को शोध करा रहे हैं।

शिकायत के आलोक में मामले की जांच की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो कमेटी संबंधित मामले को फिर एक बार वीसी के समक्ष मार्गदर्शन के लिए प्रस्तुत करेगी।

- डॉ। रणजीत कुमार सिंह, चेयरमैन, पीएचडी जांच कमेटी