-केयू ¨सडिकेट की बैठक में एफिलिएशन, पेंशन, पोस्ट क्रिएशन, वेतन निर्धारण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा

- बीएड व एमएड के सिलेबस को मंजूरी, एचआरडी को भेजा गया प्रस्ताव

- कॉनवोकेशन में गाउन की जगह पारंपरिक वेशभूषा के लिए राज्यपाल से लिया जाएगा परामर्श

JAMSHEDPUR: अगर आप टीचर बनने का ख्वाब देख रहे हैं तो यह अब इतना आसान नहीं होगा। पहले तो केयू के कांस्टीट्यूएंट कॉॅलेजों में बीएड की पढ़ाई को बंद किया गया और अब जिन कॉलेजेज में बीएड की पढ़ाई हो रही है उनमें इसके लिए एक लाख चालीस हजार रुपये फीस देनी होगी। कोल्हान यूनिवर्सिटी के कांफ्रेंस हॉल में बुधवार को हुई ¨सडिकेट की हंगामेदार बैठक में एनसीटीई के ख्0क्ब् के निर्देशों के अनुरूप तैयार किए गए बीएड-एमएड के नए सिलेबस को मंजूर कर लिया गया। कॉलेजेज में बीएड की फीस प्रति सेमेस्टर फ्भ् हजार रुपये रखने के प्रस्ताव को काफी हंगामे व विरोध के बाद स्वीकृति प्रदान कर दी गई। अब दो साल के चार सेमेस्टर वाले बीएड कोर्स को पूरा करने के लिए मिलाकर एक लाख चालीस हजार रुपये फीस देनी होगी। सिंडिकेट मीटिंग वीसी डॉ आरपीपी सिंह की अध्यक्षता में हुई।

शैडो पोस्ट के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव

कर्मचारियों के छाया पद के लिए शिक्षा मंत्री को भेजा जाएगा प्रस्ताव विभिन्न कॉलेजों में थर्ड व फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों की सेवा के मामले में कमेटी की सिफारिशों को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। बिना पद के कई साल से काम कर रहे कॉलेजों के कर्मचारियों के मामले में चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि विश्वविद्यालय की ओर से किए गए प्रयासों के तहत जिन कॉलेजों में पद रिक्त चल रहे हैँ, उनमें बिना पद के काम कर रहे कर्मचारियों का समंजन किया गया है। इसमें यह समस्या सामने आई कि पद रिक्त होने की तिथि से सेवा को नियमित माना जाएगा। ऐसे में ख्0 साल सेवा अवधि पूरी नहीं होने की स्थिति में पेंशन आदि का लाभ नहीं मिल सकेगा। इस बात पर सहमति बनी कि शिक्षा मंत्री नीरा यादव को प्रस्ताव भेजा जाए कि जो कर्मचारी जहां काम कर रहे हैँ उनके लिए छाया पद की स्वीकृति संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट से पारित कराने की प्रक्रिया शुरू कराएं। ऐसा हो जाने पर कर्मचारियों को वेतन निर्धारण सहित अन्य लाभ मिल सकेंगे। सेवानिवृत्ति के साथ ही उन पदों को समाप्त माना जाएगा।

ग्रेजुएट कॉलेज के कर्मचारियों को लाभ

ग्रेजुएट कॉलेज के क्0 कर्मचारियों को मिल सकेगा पेंशन का लाभ। बैठक में पेंशन के लाभ से वंचित ग्रेजुएट कॉलेज के क्म् कर्मचारियों के मुद्दे पर चर्चा के बाद उन्हें पेंशन आदि सुविधाओं का लाभ प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें से क्0 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इन कर्मचारियों की ओर से पेंशन के लिए विकल्प नहीं दिए जाने के कारण समस्या हुई थी।

कॉनवोकेशन में गाउन नहीं, पारंपरिक वेशभूषा!

कॉनवोकेशन के ड्रेस कोड को लेकर राज्यपाल से ली जाएगी। ¨सडिकेट की बैठक में ¨सडिकेट सदस्य अमिताभ सेनापति की ओर से कॉनवोकेशन में गाउन पहनने की अनिवार्यता पर आपत्ति जताते हुए पारंपरिक वेशभूषा में कॉनवोकेशन में छात्रों को शामिल करने की मांग की गई। उन्होंने इसके लिए उदाहरण भी पेश किए कि कई राज्यों के विश्वविद्यालयों में ऐसा होता भी है। इसपर बहस के बाद यह तय किया गया कि कॉनवोकेशन के लिए ड्रेस कोड निर्धारित करने के लिए राज्यपाल से परामर्श मांगा जाएगा। अमिताभ सेनापति की ओर से ग्रेजुएट कॉलेज में जूलोजी विषय में पीजी शुरू करने की जोरदार मांग की गई।