-काशी विद्यापीठ के सेंट्रल लाइब्रेरी में पढ़ाई करने कम, एंड्रायड फोन पर इंटरनेट का यूज करने ज्यादा पहुंच रहे स्टूडेंट्स

-लाइबे्ररी का ताला खुलने से पहले ही पहुंच जा रहे छात्र, खुलेआम देख रहे गंदा वेबसाइट

VARANASI

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के सेंट्रल लाइब्रेरी में अब पढ़ाई करने के लिए कम अपने मोबाइल पर बिजी रहने वाले स्टूडेंट्स ज्यादा पहुंच रहे हैं। एक समय था जब यहां स्टूडेंट्स किताबों से चिपके रहते थे, वहां आज पूरे दिन वे अपने मोबाइल पर ही टकटकी लगाए दिखते हैं। वीसी डॉ। पी नाग के काफी प्रयास के बाद दो साल पहले सेंट्रल लाइब्रेरी को वाई फाई से लैस कराया गया। सोच यह थी कि कैंपस के स्टूडेंट्स भी देश की अन्य यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वालों से कदम से कदम मिला सकें। लेकिन यहां के स्टूडेंट्स फ्री इंटरनेट जैसी सुविधा का पढ़ाई के लिए लाभ लेने की बजाए मोबाइल पर चैटिंग, बेवजह के एप्लीकेशन की डाउनलोडिंग, एंड्रायड फोन को अपडेट करने व गंदी वेबसाइट देखने में ही ज्यादा व्यस्त नजर आ रहे हैं। जबकि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने दावा किया था कि अपना सर्वर होने के बाद यह बंद हो जाएगा।

काउंटर्स पर नहीं लगती लाइन

लाइब्रेरी में बने काउंटर्स पर तीन साल पहले बुक इश्यू कराने के लिए लंबी-लंबी लाइन लगती थी। इससे बचने के लिए स्टूडेंट्स लाइब्रेरी खुलने का इंतजार करते थे। लेकिन अब बुक्स के लिए नहीं बल्कि हाई स्पीड मिले इसके लिए लाइब्रेरी खुलने से पहले ही वहां पहुंच जा रहे हैं। रिकॉर्ड के अनुसार पहले जहां एक दिन में पांच से छह सौ बुक्स लाइब्रेरी से निकाली और जमा की जाती थीं। वहीं अब यह संख्या घटकर मात्र सौ से दो सौ रह गयी है। पहले जैसी लाइन यहां देखने को अब नहीं मिलती। यहां तक कि ग‌र्ल्स के काउंटर्स भी खाली नजर आते हैं। गिनती की ही ग‌र्ल्स यहां पहुंचती हैं।

लगी रहती है भीड़

लाइब्रेरी में लगे चेयर्स इन दिनों जहां दिनभर फुल रहते हैं वहीं फर्श पर भी स्टूडेंट्स को बैठे देख आप हैरत में पड़ जाएंगे। यह सौ परसेंट सच है। स्पीड पाने के लिए स्टूडेंट्स ये तक भूल जाते हैं कि उन्हें कहां बैठना चाहिए और कहां नहीं। सिचुएशन यह है कि सुबह साढ़े दस बजे से पहले ही लाइब्रेरी के सामने स्टूडेंट्स का हुजूम गेट खुलने का इंतजार करने लगता है। जैसे ही ताला खुलता है स्टूडेंट्स लाइब्रेरी में जहां जगह मिलती है बैठ जाते हैं। ऐसे में फर्श गंदा ही रहता है। कर्मचारी उसी बीच में किसी तरह सफाई करते हैं। यही नहीं मोबाइल पर चिपके लोगों के चलते बुक्स लेने पहुंचने वाले स्टूडेंट्स को भी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है। क्योंकि स्टूडेंट्स यहां खुलेआम अपने एंड्रायड फोन पर गंदी फोटो व वीडियो देखते रहते हैं। इन्हें कोई रोकने वाला नहीं है।

यूनिवर्सिटी ने अपना सर्वर लगा दिया है, जल्द ही यूजर्स को वन टाइम पासवर्ड दिया जाएगा। जो एक बार वैलिड होगा। वह भी लिमिटेड टाइम के लिए।

ओम प्रकाश, रजिस्ट्रार, काशी विद्यापीठ