- शहर के कई स्कूलों की लैब बदल चुकी हैं कबाड़ में, कई में सालों से पड़ा ताला

-वसूली कर छात्रों को बांट दिए जाते हैं नंबर, पांच साल में एक 5ाी छात्र फेल नहीं

KANPUR : हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षार्थियों की प्रयोगात्मक बोर्ड परीक्षाएं 30 दिसंबर से शुरू होने जा रही हैं। ऐसे में लैब का रखरखाव न होना स्टूडेंट्स पर बहुत भारी पड़ सकता है। प्रयोगात्मक परीक्षा पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। इसी के चलते कई स्कूलों में लैब के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता है। कई स्कूल तो ऐसे हैं, जहां परीक्षाएं सिर पर हैं और स्कूल के छात्रों ने लैब में कदम तक नहीं रखा। स्कूल लैब्स की हकीकत अपने रीडर्स के सामने रखने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया।

लैब को केमिकल्स, इंस्ट्रूमेंट्स का इंतजार

पांडूनगर स्थित गणेश शंकर विद्यार्थी इंटर कॉलेज में तीन लैब हैं। तीनों लैब्स की स्थिति बहुत खराब है। लैब्स में न तो केमिकल्स मिले और न ही कोई इंट्रृमेंट्स। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने अपनी पहचान छिपाने की शर्त पर बताया कि उन्होंने आज तक किसी प्रकार कोई प्रैक्टिकल किया ही नहीं।

5 साल से बंद पड़ी है लैब्स

प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल की लैब पिछले 5 सालों से बंद पड़ी है। जबकि, स्कूल में पढ़ने वाला कोई भी स्टूडेंट इस समयांतराल में आज तक प्रयोगात्मक परीक्षा में फेल नहीं हुआ। यह कैसे हुआ, ये तो समझ से परे है। लेकिन, इससे प्रैक्टिकल्स परीक्षाओं में पादर्शिता का गिरता स्तर जरूर समझ आ जाता है। प्रिंसिपल साहब ने जब लैब में कैमरे का फ्लैश चमकते देखा तो उन्होंने बताया कि इस साल से बच्चों को प्रैक्टिकल्स कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

लैब इंचार्ज छुट्टी पर

लैब्स की हकीकत जानने के लिए हमने गोविंदनगर स्थित डीएमयू इंटर कॉलेज का भी जायजा लिया। यहां हमारी मुलाकात प्रिंसिपल इंदू कंचन से हुई। लैब्स देखने की बात पर उन्होंने स्कूल में स्थित तीन लैब्स के दो इंचार्ज के साथ छुट्टी पर होने की बात बता कर लैब दिखाने से इनकार कर दिया। इस पर हमने लैब की खुली खिड़कियों से ही अंदर का अव्यवस्थित दृश्य दिखाई दे गया। खस्ताहाल लैब्स की लिस्ट में गोविंदनगर स्थित गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समेत करीब एक दर्जन अन्य स्कूल भी शामिल हैं।

माई का खेल शुरू

प्रैक्टिकल्स के नाम पर कमाई का खेल फिर से शुरू होने जा रहा है। विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने अपनी पहचान छिपाने की शर्त पर बताया कि उन्हें पूरे साल भर में लैब के दर्शन एक या दो बार ही कराए गए हैं। ऐसे में परीक्षक के सामने प्रैक्टिकल्स करने से बचने के लिए स्कूलों ने उनसे वसूली शुरू कर दी है।

वर्जन

जिन स्कूलों की शिकायतें मिली हैं, उनमें जांच करा कर लैब्स का रखरखाव कराने के निर्देश दिए जाएंगे। प्रैक्टिकल्स के नाम पर वसूली की शिकायत पर कार्रवाई होगी।

- सतीश कुमार तिवारी, डीआईओएस।

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-147 बोर्ड एग्जाम सेंटर बनाए गए हैं।

- 58 विलविहीन कॉलेज बनाए गए सेंटर

- 81 एडेड कॉलेजों को बनाया गया बोर्ड परीक्षा सेंटर।