- ताज में काम कर रही लेबर की बेशर्मी

- स्मारक में कर रहे पेशाब, एएसआई को जानकारी तक नहीं

 

आगरा। दुनिया के सात आश्चर्यो में शुमार ताज। साफ-सफाई, रख-रखाव आदि में हर महीने लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन सुधारने वाले ही इसे खराब करने में लग जाएं तो सभी प्रयास व्यर्थ नजर आने लगते हैं। ताज को सुधारने वाले कारीगर ताज में ही पेशाब कर रहे हैं। ऐसा शर्मिदा कर देने वाला दृश्य मंगलवार को दिखाई दिया जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रिपोर्टर ने ताज की खूबसूरती बढ़ाते एक पेड़ के नीचे मरम्मत कार्य कर रहे एक कर्मचारी को पेशाब करते देखा। विश्व स्मारकों में से एक ताज में खुलेआम पेशाब करते व्यक्ति पर एएसआई के किसी कर्मचारी की नजर तक नहीं पड़ी।

 

स्मारक में ही पेड़ के नीचे बना दिया टॉयलेट

ताज में मेहमान खाने के आस-पास फर्श की मरम्मत का कार्य चल रहा है। इसके लिए एएसआई द्वारा बाहर से लेबर बुलाई गई है। इन्हीं में से एक लेबर मुख्य कब्र परिसर के पास ही लगे एक बरगद के पेड़ के नीचे कर रहा था। जब उसे टोका गया तो बेशर्मी से जवाब देते हुए व्यक्ति कहता है कि यहां कहीं जाने की जगह नहीं है तो यहीं कर रहा हूं। जब उसकी शिकायत करने की बात कही गई तो माफी मांग कर वह व्यक्ति नौ दो ग्यारह हो गया।

 

पेड़ के आस-पास फैली दुर्गध

पेड़ के हालात देखकर साफ प्रतीत हो रहा था कि वहां पेशाब करने वाला वह पहला व्यक्ति था। उससे पहले भी लोग वहां पेशाब कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि स्मारक की देख-रेख कर रही एएसआई की इस ओर कोई ध्यान ही नहीं गया। उस स्थान के आस-पास पेशाब की तेज दुर्गन्ध फैल रही है जिससे पर्यटकों का यहां आना-जाना भी मुहाल है।

 

जवाबदेही से बच रहे जिम्मेदार

ताज में खुलेआम पेशाब कर रही लेबर को एएसआई ने बुलाया है और उनके लिए टॉयलेट की कोई व्यवस्था नहीं की। उनके कार्यस्थल से टॉयलेट की दूरी के कारण वे स्मारक में खुलेआम पेशाब कर रहे हैं। वहीं जब मामले को लेकर सुपरिटेंडेंट आर्कियालॉजिस्ट भुवन विक्रम से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने न तो फोन उठाया और न ही मैसेज का रिप्लाई किया। मामले को लेकर वे जवाबदेही से बचते रहे।