भर्ती नहीं लिया, न ही किया रेफर

RANCHI (28 July):: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में फिर अव्यवस्था का आलम है। मंगलवार को बिरसा चौक के रहनेवाले म्भ् वर्षीय तपेश्वर तिवारी को उनके परिजन गंभीर हालत में लेकर रिम्स पहुंचे। सुबह आठ बजे के करीब उन्हें इमरजेंसी में ले जाया गया, जहां मौजूद जूनियर डॉक्टर्स ने उनका बीपी चेक कर छोड़ दिया। इसके बाद मरीज वहीं तड़पता रहा पर कोई इलाज करने नहीं आया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर मरीज रिम्स में इलाज कराने क्यों आएगा।

स्वास्थ्य मंत्री के यहां काम करता है परिजन

इसके बाद मरीज के परिजन डॉक्टर के पास उनके इलाज के लिए चक्कर लगा रहे थे पर किसी ने उनकी नहीं सुनी। हारकर वे लोग अपने परिजन को फोन लगाने लगे जो स्वास्थ्य मंत्री के यहां काम करता है। यह बात सुनते ही डॉक्टर भी एक्टिव मोड में आ गए और चार घंटे बाद मरीज का इलाज शुरू किया गया।

नहीं लिया जा रहा था एडमिट

बताया जाता है कि मरीज को सुबह आठ बजे ही उनके परिजनों ने इमरजेंसी में पहुंचाया लेकिन उसे एडमिट नहीं लिया जा रहा था। वहीं डॉक्टर ने उनका बीपी चेक कर उसे ऐसे ही छोड़ दिया था। उसे न तो भर्ती लिया जा रहा था और न ही कहीं रेफर किया जा रहा था। इस वजह से परिजन काफी परेशान थे। वे डॉक्टर से गुहार लगा रहे थे कि उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू किया जाए या रेफर किया जाए।

बेटी ने बताई परेशानी

मरीज तपेश्वर तिवारी की बेटी अंजू द्विवेदी ने बताया कि वे लोग सुबह से ही इलाज के लिए यहां-वहां डॉक्टरों के पास भटक रहे थे। पर कोई सुनवाई नहीं हुई। जब लोगों को मालूम हुआ कि हमारा परिजन स्वास्थ्य मंत्री के यहां काम करता है तब जाकर इलाज शुरू हुआ।

वर्जन

अगर इलाज नहीं किया जा रहा था परिजनों को अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए था। इस मामले को देखा जाएगा क्योंकि हास्पिटल में कोई भी मरीज आए उसका इलाज किया जाना चाहिए।

डॉ। एस हैदर, डायरेक्टर, रिम्स