सेनाओं ने हटाई अपनी-अपनी तैनाती
यहां एक बयान में विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और चीन के बीच बनी समझ के अनुसार दोनों पक्षों ने ‘एक सितंबर की यथास्थिति’ को बहाल करने के लिए 26,27 सितंबर को पूर्वी लद्दाख के चुमार और देमचोक इलाकों में अपनी-अपनी तैनाती हटाई और सीमा बलों को नए सिरे से तैनात किया. बयान में बताया गया है कि चुमार और देमचोक इलाकों में दोनों पक्षों के सीमा बलों के बीच गतिरोध को सफलतापूर्वक खत्म किए जाने की पुष्टि के लिए संगूर गैप में भारत और चीन के सीमा कमांडरों की बैठक हुई.

क्या कहना है मंत्रालय का
मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने सीमावर्ती इलाकों में शांति और समरसता बनाए रखने के लिए ‘भारत-चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय के लिए तौर तरीकों संबंधी समिति की भारत में 16. 17 अक्तूबर 2014 को एक बैठक बुलाने पर सहमति जताई है. दोनों देशों की सेनाएं लद्दाख के चुमार क्षेत्र में एक दूसरे के साथ गतिरोध की स्थिति में थीं और संयोगवश यह घटनाक्रम चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान हुआ था.

चीनी मजदूरों के प्रवेश से बढ़ा था तनाव
इस माह के शुरुआत में चीनी क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य में लगे कुछ चीनी मजदूरों के भारतीय क्षेत्र में आ जाने के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया था. ये मजदूर दावा कर रहे थे कि उन्हें तिबेल तक सड़क बनाने का आदेश मिला है जो भारतीय क्षेत्र में पांच किलोमीटर भीतर है. देमचोक में चीनी सैनिकों ने इलाके के लोगों के लिए बनायी जा रही सिंचाई नहर के काम को रोकने के लिए अपने नागरिकों को भारतीय क्षेत्र में भेज दिया था. इन लोगों ने भारतीय क्षेत्र में अपने तंबू गाड़ लिए थे, जिन्हें चीनी अधिकारियों की नयी दिल्ली में भारतीय अधिकारियों से मुलाकात करने और एक सितंबर की यथास्थिति को बहाल करने का निर्णय लिए जाने के बाद 27 सितंबर को हटाया गया. फैसले के अनुसार, दोनों पक्षों को हिमालयी क्षेत्र में मंगलवार तक वापसी को पूरा करना था.

नकारा था बाहरी मध्यस्थता की जरूरत को
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ लंबित सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए किसी बाहरी मध्यस्थता की जरूरत को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि दोनों देश वार्ता के जरिए समाधान निकालने में सक्षम हैं. मोदी ने न्यूयार्क में एक सवाल के जवाब में कौंसिल आन फोरेन रिलेशंस में कहा था कि भारत और चीन वार्ता के जरिए मुद्दों को सुलझाने में सक्षम हैं. किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं है.

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