NANITAL/UTTARKASHI: गोमुख ग्लेशियर के पास ग्लेशियर पिघलने से बन रही झील को हटाने के लिए हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश जारी किए हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि झील हटाने के लिए इसरो व एनडीआरएफ की मदद ली जाए। कोर्ट ने मामले में सरकार की बेरुखी पर नाराजगी भी जताई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चमोली के ढ़ाई हजार फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एवलांच की आशंका जताई है, जबकि एवलांच की दृष्टि से उलरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ व टिहरी जिले को संवेदनशील माना है। उधर, बकरियों की तलाश में गए मोरी के ढाटमीर गांव के पांच लोगों में से तीन लापता लोगों का बुधवार को भी कुछ पता नहीं चल सका। लापता लोगों की तलाश में एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व उपनिरीक्षक की टीम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। इधर, गंगोत्री हिमालय में भारत-चीन सीमा के निकट भूस्खलन की सूचना पर मंगलवार को गोमुख के लिए रवाना हुई 12 सदस्यीय टीम भारी बर्फबारी और पर्याप्त संसाधन न होने के कारण गंगोत्री से करीब दो किमी आगे वन विभाग के कनखू बैरियर से वापस लौट आई है।

 

इसरो व एनडीआरएफ की लें मदद

हाईकोर्ट ने सरकार को गोमुख ग्लेशियर के पास ग्लेशियर पिघलने से बन रही झील को हटाने के लिए इसरो व एनडीआरएफ की मदद लेने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ ने इस मामले में सरकार की बेरुखी पर नाराजगी भी जताई। दिल्ली निवासी अजय गौतम ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि गोमुख ग्लेशियर के समीप विशाल झील बन गई है। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने केदारनाथ में गांधी सरोवर टूटने से हुई त्रासदी से सबक लेते हुए सरकार को गंभीरता से काम करने तथा झील हटाने को कहा है। इसरो व एनडीआरएफ की मदद लेने के निर्देश भी दिए हैं। इधर, बुधवार को नैनीताल पहुंचे मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने गोमुख ग्लेशियर में बनी झील को बड़ा खतरा मानने से इंकार करते हुए कहा कि सेटेलाइट के माध्यम से झील के संबंध में जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि शासन इस मामले में संजीदा है और कोर्ट के जो भी दिशा-निर्देश होंगे, उनका अनुपालन किया जाएगा।

 

लापता लोगों का नहीं चला पता

बकरियों की तलाश में गए मोरी के ढाटमीर गांव के पांच लोगों में से तीन लापता लोगों का बुधवार को भी कहीं कुछ पता नहीं चला। सोमवार को मोरी ब्लॉक अंतर्गत ढाटमीर तालुका गांव के पांच लोग उच्च हिमालयी क्षेत्र से लगे पुष्टारा बुग्याल में बकरियों को खोजने गए थे, उस क्षेत्र में बीते सोमवार रात को तेज बारिश और बर्फवारी हुई। बर्फवारी और बारिश से बचने के लिए यह लोग इधर-उधर भाग निकले। मंगलवार देर शाम तक जगमोहन पुत्र किताब सिंह, रामध्यान पुत्र बिशन सिंह, कृतमदास पुत्र स्याबू दास का पता नहीं चल पाया है। ग्रामीणों ने बताया कि इस घटना की जानकारी सुरक्षित लौटे रूप सिंह और उसके दूसरे साथी ने दी थी। लापता लोगों की तलाश में एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व उपनिरीक्षक की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई है। आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि लापता लोगों की तलाश में बुधवार को भी रेस्क्यू अभियान जारी रहा। लेकिन सफलता नहीं मिली।

 

 

एवलांच की जताई आशंका

उलराखंड में बुधवार को बर्फबारी व बारिश थम गई। हालांकि दोपहर तक अधिकतर जिलों में बदली लगी रही। मंगलवार को हुई बारिश व बर्फबारी से राज्य में ठंड बढ़ गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चमोली के ढ़ाई हजार फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एवलांच की आशंका जताई है, जबकि एवलांच की दृष्टि से उलरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ व टिहरी जिले को संवेदनशील माना है। राज्य मौसम केंद्र के अनुसार अगले चौबीस घंटों में हिमालय की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश की संभावना है। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार अगले चौबीस घंटे राज्य के अधिकतर जिलों में बादल छाए रहेंगे। उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी की संभावना है।

 


गोमुख को रवाना हुआ दल लौटा वापस

गंगोत्री हिमालय में भारत-चीन सीमा के निकट भूस्खलन होने की सूचना पर मंगलवार को गोमुख के लिए रवाना हुई 12 सदस्यीय टीम गंगोत्री से करीब दो किमी आगे वन विभाग के कनखू बैरियर से वापस लौट आई। टीम के सदस्य मंगलवार देर रात उलरकाशी पहुंचे। बुधवार सुबह टीम के सदस्यों ने डीएम डॉ। आशीष चौहान से मुलाकात कर उन्हें वहां के हालत की जानकारी दी। बताया कि पर्याप्त संसाधन नहीं होने और भारी बर्फबारी के कारण टीम आगे नहीं बढ़ सकी। डीएम ने बताया कि मौसम ठीक होते ही निम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान) के माउंटेनिय¨रग दल के साथ टीम सदस्यों को दोबारा गोमुख भेजा जाएगा। डीएम ने बताया कि हिमालयी क्षेत्र में भूस्खलन होने की पुष्टि नहीं हो पाई है।

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