- महागठबंधन में अंदरुनी तनाव कम करने की शुरू हुई कोशिश

- लालू ने कहा नाच नहीं करवाएं, बस गाजे-बाजे से आएं

PATNA: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने गांधी मैदान में रविवार को होने वाली रैली से पहले आरजेडी ऑफिस में प्रेस कांफ्रेस किया। उनके निशाने पर रहे पीएम नरेंद्र मोदी। लालू प्रसाद ने कहा कि देश तानाशाही की ओर जा रहा है और हर तरफ निराशा ही निराशा है। यहां आपातकाल जैसे हालात हो गए हैं। नेरन्द्र मोदी ने देश के लोगों के साथ धोखा किया है। अब वे बिहार को धोखा देना चाह रहे हैं, हम ऐसा नहीं होने देंगे। बिहार में गुजरात मॉडल नहीं चलेगा।

सपा का समधी यहीं बैठा है

इस मौके पर लालू प्रसाद ने बिहार में समाजवादी पार्टी को पांच सीटें देने का ऐलान भी किया। लालू ने महागठबंधन की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को दी गई तीन सीटों के अलावा अपने हिस्से की दो सीटें भी सपा के लिए छोड़ीं। सपा की नाराजगी पर सफाई देते हुए कहा कि हमने मुलायम सिंह को पांच सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव दिया है, जिनमें से दो सीटें वे अपनी पार्टी के कोटे से दे रहे हैं। लालू प्रसाद से जब ये सवाल किया गया कि पांच सीटों पर मुलायम नहीं मानेंगे तो? इस सवाल के जवाब में लालू प्रसाद ने कहा कि क्यों नहीं मानेंगे? समाजवादी पार्टी का समधी यहीं बैठा हुआ है।

गुस्से में है बिहार

लालू प्रसाद ने कहा कि पीएम मोदी ने नीतीश कुमार के खून में खराबी की बात कही थी। इससे बिहार आहत और गुस्से में है। बिहारी स्वाभिमान पर हमला हुआ है। इस बार पूरा बिहार एकजुट है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और हमारा विजन अलग-अलग नहीं है। एक है।

किसी को नुकसान न हो

लालू प्रसाद ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया कि कहीं भी नर्तकी का डांस नहीं कराएं। हां, बाजे-गाजे के साथ आएं। मर्यादा भंग नहीं होनी चाहिए। किसी को कोई नुकसान नहीं हो। लालू प्रसाद ने रैली में संख्या बल पर दावा करते हुए कहा कि जुटने वाली भीड़ से पूरा पटना भर जाएगा। इतनी भीड़ जुटेगी कि गांधी मैदान में हमें भी पहुंचने में दिक्कत हो जाएगी।

The other side

अंदर पीसी, बाहर नाच

लालू प्रसाद आरजेडी ऑफिस में प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे और ठीक उसी समय आरजेडी ऑफिस के बाहर नाच चल रहा था। इस नाच को जिस किसी ने भी देखा, क्0 साल पुराना राज याद आ गया। लालू प्रसाद ऐसे नाच करवाने के लिए फेमस रहे हैं।

कितने संयमित रह पाएंगे कार्यकर्ता

लालू प्रसाद की चेतावनी के बावजूद कार्यकर्ता कितना संयमित रह पाएंगे, यह रविवार के दिन का सबसे बड़ा चैलेंज होगा। नीतीश कुमार भी चाहेंगे कि ऐसी तस्वीर नहीं दिखे, जिससे जनता के बीच भद पिटे। लोग ऐसे ही लालू प्रसाद से हुई दोस्ती को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। कहीं रैली दूसरे तरह का मैसेज न दे दे इसका डर भी है। स्वाभिमान के सवाल पर राजनीति रैली से जनता को कितनी परेशानी होगी ये रविवार को दिखेगा।