क्या है जानकारी
गौरतलब है कि इस भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में यह बयान दिया कि यह बिल किसी भी तरह से किसान विरोधी नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर आपको ऐसा लगता है कि बिल में कोई कमी है, तो बिल में उस बात को जरूर बदला जाएगा. वहीं उनकी इस बात पर वजन डालते हुए दिल्ली में शिरोमणि अकाली दल ने आपात बैठक तक बुला ली.
 
बुलंद हुए विरोध के स्वर
उन्होंने आपात बैठक करके अब इस बात को पूरी तरह से साफ कर दिया है कि भूमि अधिग्रहण बिल किसान विरोधी है. इतना ही नहीं उन्होंने इस बात को भी साफ किया कि वो इसका विरोध करेंगे. गौर करने वाली बात है कि इस मुद्दे को लेकर सिर्फ संसद में ही हंगामा नहीं चल रहा, बल्कि इस मुद्दे पर सड़क पर भी विरोध हो रहा है. इसी क्रम में समाजसेवी अन्ना हजारे ने जमीन अधिग्रहण बिल के विरोध में 1100 किमी लंबी पदयात्रा भी शुरू करने का ऐलान किया है. इस पदयात्रा को लेकर जानकारी है कि अन्ना हजारे की यह यात्रा महाराष्ट्र के वर्धा से शुरू होकर दिल्ली के रामलीला मैदान पर खत्म होगी. इसके बाद 9 मार्च को पदयात्रा की तारीख तय करने के लिए अन्ना हजारे अपने सहयोगियों के साथ सेवाग्राम में बैठक करेंगे.
 
अन्ना ने कहा सरकार गिराने को
यहां आपको बताते चलें कि इससे पहले अन्ना हजारे ने 23 व 24 फरवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ दो दिनों तक धरना भी  दिया था. इसके समर्थन में कई किसान संगठन वहां पहुंचे थे. एनडीए में शामिल पीएमके ने भी चेन्नई में जमीन अधिग्रहण बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. उस वक्त अन्ना हजारे ने कहा था कि ऐसे में जनता को एक होना ही होगा. जनता को संगठित होकर अपनी आवाज को उठाना ही होगा. ऐसे में अगर सरकार नहीं भी माने तो जनता को उसे गिराने में देर नहीं करनी चाहिए.

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