- धनबाद भूमि घोटाले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो के हवाले

- एक-एक पहलू पर हो रही है जांच

- मुख्यमंत्री ने दिया था जांच का आदेश

RANCHI: धनबाद में बहुचर्चित रिंग रोड व तिलाटांड़ आवासीय योजना के जमीन मुआवजा घोटाले में धनबाद व धनसार थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच शुरू कर दी है। ब्यूरो की प्रथम दृष्टया जांच में यह बात छनकर सामने आई है कि इस घोटाले में आईएएस से लेकर धनबाद के कई रसूखदार की संलिप्तता है। जांच में यह भी पता लग रहा है कि मुआवजा घोटाले में जिस व्यक्ति की जमीन नहीं थी, उसे भी मुआवजा दे दिया गया। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धनबाद में मुआवजा घोटाले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो को करने का निर्देश दिया था।

यह है मामला

धनबाद में रिंग रोड निर्माण के एवज में मुआवजा बांटे जाने के मामले में भारी पैमाने पर हेराफेरी की गई थी। इस बाबत उपायुक्त द्वारा बनाई गई जांच कमिटी ने इस हेरफेर को पकड़ा था। बताया जाता है कि रिंग रोड के निर्माण में जिनकी जमीन गई नहीं, उन्हें भी मुआवजा दे दिया गया था। इस मामले में करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश हुआ था।

पैक्स चेयरमैन व मैनेजर समेत सात जेल में

भूमि मुआवजा घोटाले में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ज्ञान प्रभाकर ने 23 जून को धनबाद थाने में तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी उदयकांत पाठक, रिटायर्ड अफसर लाल मोहन नायक समेत सात पर केस दर्ज किया था। जांच के बाद धनबाद पुलिस भूमि मुआवजा घोटाले में पैक्स के चेयरमैन सखीराम महतो और अनिल कुमार महतो, आलोक बरियार, अनिल सिन्हा, विपिन राय व संजय महतो ने सरेंडर कर दिया था। धनबाद व धनसार थाने में पांच प्राथमिकी दर्ज हैं।