- बीसी खंडूड़ी विजय बहुगुणा और यशपाल आर्य नई पीढ़ी को लॉन्च करने में रहे कामयाब

- रितु खंडूड़ी, सौरभ बहुगुणा, संजीव आर्य बने विधायक

DEHRADUN: ख्0क्7 का विधानसभा चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है। जहां एक तरफ पहली बार बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है तो वहीं फ् बड़े नेता बीसी खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और यशपाल आर्य अपनी युवा पीढ़ी को चुनाव जिताकर राजनीति में लॉन्च करने में कामयाब रहे।

बाप-बेटा पहली बार साथ

उत्तराखंड की चौथी विधानसभा में तीन ऐसे चेहरे इस बार शामिल होंगे जो अपनी राजनीतिक पीढ़ी का काम आगे बढ़ाएंगे। यमकेश्वर सीट से पहली बार विधायक चुनी गई रितु खंडूड़ी भूषण पूर्व सीएम और गढ़वाल सासंद बीसी खंडूड़ी की बेटी हैं, जिन्हें टिकट दिलाकर खंडूड़ी राजनीति में लॉन्च कराने में कामयाब रहे। इसके साथ ही पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने अपने लिए टिकट तो नहीं मांगा लेकिन अपने बेटे सौरभ बहुगुणा को सितारगंज से चुनाव लड़ाकर राजनीति में प्रवेश दिला दिया। सौरभ ख्8 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। सबसे बड़ी जीत यशपाल आर्य की मानी जा रही है। जो चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में आ गए। जिसका कारण यही माना जा रहा था कि यशपाल आर्य अपने बेटे संजीव आर्य को टिकट दिलाकर लॉन्च करना चाहते हैं। जिसके लिए उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस में लगाने के बावजूद भी बेटे को टिकट न मिलने की स्थिति में बीजेपी में जाना ही सही समझा। संजीव आर्य नैनीताल सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे है। इतना ही नहीं पिता यशपाल आर्य खुद भी बाजपुर सीट से चुनाव जीत गए हैं। ये भी उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार होगा जब पिता-पुत्र एक साथ विधानसभा में नजर आएंगे।