बाघ ने एक हिरण का शिकार किया

बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा में बाघ और तेंदुए की लड़ाई का मामला काफी चर्चा में है। यहां पर वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना के कक्ष संख्या 34 एवं 37 के मध्य दरूआबारी के जंगल में इस लड़ाई में तेंदुए की मौत हो गई है। घटना स्थल के हालातों को देखकर यही कहा जा रहा है कि यहां पर बाघ ने अपने भोजन में एक चीतल हिरण का शिकार किया था।

तेंदुए को अपनी जान गंवानी पड़ी

इसके बाद उसने अपना भोजन दो-तीन बाद खाने के लिए रख दिया था क्योंकि बाघ जल्दी ताजा शिकार नहीं खाता है। ऐसे में जब कुछ समय बाद अपने शिकार के पहुंचा तो उस दौरान वहां पर तेंदुआ हिरण को खा रहा था। इस पर बाघ ने उस पर हमला कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दोपहर में शुरू हुई लडाई शाम तक चली और तेंदुए को अपनी जान गंवानी पड़ी।

शव का अंतिम संस्कार हो गया

वहीं इस संबंध में बाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के सहायक वन संरक्षक आर के सिन्हा का कहना है कि इस पूरे मामले का अनुमान घटनास्थल को देखने के बाद लगाया जा रहा है। मृत तेंदुए के शरीर पर बाघ के पंजे के निशान हैं। इसके अलावा आसपास की जमीन पर खून बिखरा पड़ा है। तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के पश्चात अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

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