-जमशेदपुर कार्निवल में शामिल होने पहली बार सिटी पहुंचे लेस्ली लुइस

-कहा, मोबाइल रिंगटोन के हिसाब से बनाए जा रहे गाने

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JAMSHEDPUR: म्यूजिक में काफी तेजी से बदलाव आ रहा है. इसे सोनू निगम व यो यो हनी सिंह से कॉम्पेयर कर आसानी से समझा जा सकता है. न्यू जेनरेशन इन दोनों की दीवानी है, लेकिन दोनों की गायकी अलग-अलग है. यह कहना है बॉलीवुड के फेमस सिंगर व म्यूजिशियन लेस्ली लुइस का. वे जमशेदपुर कार्निवाल में शामिल होने के लिए सैटरडे को सिटी पहुंचे. इस दौरान लुइस ने पत्रकारों से कई बातें साझ्ा कीं.

अब कोई भी गा सकता है

लेस्ली लुइस ने कहा कि वर्तमान में म्यूजिक का कोई पैमाना नहीं है. अब कोई भी गा सकता है और अलबम भी बना सकता है. पहले म्यूजिक के लिए पैसे लगते थे, लेकिन अब यह लगभग फ्री हो गया है. कंप्यूटर पर ढेरों म्यूजिक अवेलेबल हैं. उन्होंने कहा कि आज न्यू जेनरेशन फ्यूजन की दीवानी है. इसमें शास्त्रीय संगीत व पाश्चात्य दोनों होता है. उन्होंने कहा कि इंडीपॉप के बाद अब इंडीज आ गया है, जिसमें भारतीयता ज्यादा है. उन्होंने कहा कि गीत संगीत के लिए बॉलीवुड एक बेहतर माध्यम है. वे भी फिल्मों पर ध्यान दे रहे हैं और कुछ फिल्मों के लिए बातचीत भी चल रही है. उन्होंने कहा कि हालिया मराठी फिल्म 'पोस्टर ब्वॉयज' में उन्होंने शंकर महादेवन से भी एक गाना गवाया है.

मोबाइल रिंगटोन को ध्यान में रख बन रहे गाने

लुइस ने कहा कि आज जो गाने बन रहे हैं, उसके कई बोल तो समझ में ही नहीं आते हैं और कईयों में तो म्यूजिक ही ज्यादा होता है. उन्होंने कहा कि यह सब मोबाइल रिंगटोन की वजह से होता है, क्योंकि गैजेट फ्रेंडली हो रहे जेनरेशन के लिए मोबाइल रिंगटोन को ध्यान में रखते हुए गाने बनाए जा रहे हैं. इसका कारण गानों को जल्द से जल्द फेमस करना होता है.

पिता भी थे फेमस म्यूजिशियन

लुइस ने बताया कि 'परी हूं मैं..' से उन्होंने ही इंडीपॉप की शुरुआत की थी. इसके बाद 'जानम समझा करो..' गाना कम्पोज किया. यह गाना इतना हिट हुआ कि इस पर फिल्म भी बनी. उन्होंने कहा कि उनके पिता पीएल राज बहुत बड़े म्यूजिशियन थे, जिन्होंने शोले, सरगम, डॉन (खइके पान बनारस वाला..) समेत कई सुपरहिट फिल्मों का म्यूजिक डाइरेक्शन किया था. उनका असली नाम देवराज पीटर लुइस था, लेकिन मद्रास से मुंबई आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया था.