- पिछले साल की तुलना काफी कम छूटे पटाखे

- कम पाए गए धूल में कण और हानिकारक गैसें

ALLAHABAD: शुरुआत अच्छी है और इसे एक बेहतर साइन भी कहा जा सकता है। कम से कम शहर के कुछ इलाकों में पिछले साल की तुलना में पटाखे चलाए गए, जिससे प्रदूषण लेवल भी इस बार कम रहा। अगर यही हालात रहे तो भविष्य में दीवाली में होने वाले प्रदूषण काफी हद तक ब्रेक लग सकेगा। अधिकारियों का भी कहना है कि लोग सीख रहे हैं, जिसका असर दिखने लगा है।

इन इलाकों में लिया गया सैंपल

हर साल दीवाली पर शहर के छह इलाकों का हवा का सैंपल लिया जाता है। इनमें जानसेनगंज, अलोपीबाग, रामबाग, अशोक नगर, हाईकोर्ट और कटरा शामिल है। पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों की ओर से शनिवार शाम इनमें से तीन इलाकों की रिपोर्ट जारी की गई। जिनमें पिछले साल दीवाली के मौके पर पॉल्यूशन लेवल आधे से भी कम पाया गया। हालांकि, यह तय मानक से फिर भी अधिक रहा।

फेफड़ों के लिए कम हानिकारक रही हवा

कटरा में पीएन 10 यानी माइक्रोग्राम घनमीटर पिछले साल दीवाली में 604 था जो इस साल घटकर एक तिहाई से भी कम 170 रह गया। इसी तरह अशोक नगर में 500 से घटकर 174 हो गया। जबकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट में लेवल थोड़ा सा बढ़ गया है। यह 94 से बढ़कर 106 हो गया है। बता दें कि पीएन 10 हवा में धूल के कणों की सांद्रता को नापने का पैमाना है। जबकि इसका मानक 100 तय किया गया है। जिसको देखते हुए इस साल दीवाली पर लोगों को सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत का सामना नही करना पड़ा।

यहां भी मार ली बाजी

इसी तरह सल्फर डाई आक्साइड और नाइट्रोजन डाई आक्साइड की हवा में सांद्रता भी दीवाली के दौरान पिछले साल की तुलना में काफी कम रही। यह अपने तय मानक से भी काफी नीचे पाई गई है। विभागीय वैज्ञानिक रामजस कहते हैं कि इन गैसों का लेवल बढ़ने से लोगों को सांस लेने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। पटाखों के जलाने में यह गैसे भारी मात्रा में निकलती हैं। कटरा और अशोक नगर की तुलना में हाईकोर्ट में लास्ट ईयर के मुकाबले थोड़ा सा लेवल अधिक पाया गया।

गैस एरिया पिछले साल लेवल इस साल लेवल

एसओटू कटरा 15 8

एनओटू कटरा 51 30

एसओटू अशोक नगर 10 8

एनओटू अशोक नगर 49 21

एसओटू हाईकोर्ट 11 13

एनओटू हाईकोर्ट 29 32

बॉक्स

2016 मई में डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में प्रदूषण स्तर के टाप टेन में देश के चार शहर शामिल थे। इनमें दिल्ली के अलावा इलाहाबाद, रायपुर और ग्वालियर शामिल रहे। इसके अलावा पिछले साल दीवाली पर शहर के आधा दर्जन इलाकों में पॉल्यूशन लेवल अधिक होने पर भी जमकर हाहाकार मचा था। माना जा रहा है कि एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती का भी लोगों पर असर पड़ा है।

वर्जन

छह इलाकों का सैंपल लिया गया है। तीन की रिपोर्ट आ गई है। पिछले साल के मुकाबले पा्रल्यूशन लेवल कम पाया गया है। यह अच्छा कदम है। अभी तीन इलाकों की रिपोर्ट पर नजर है।

-एसके मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड