आई कन्सर्न

-उत्तराखंड और हरियाणा सरकार ने घटाएं हैं सर्किल रेट

-औंधे मुंह पड़े रीयल एस्टेट को यूपी में नहीं उबरने देंगे सरकार के टारगेट

-पिछले साल का टारगेट 65 फीसदी पूरा किया इस साल बढ़ा दिए 27 करोड़

-सर्किल रेट में बढ़ोत्तरी रास नहीं आई पब्लिक को

अखिल कुमार

Meerut -प्रस्तावित सर्किल रेट जिला प्रशासन ने बुधवार शाम जारी कर दिए हैं। कई स्थानों पर सर्किल रेट में 2 से 10 फीसदी तक बढ़ोत्तरी की गई है तो ज्यादातर स्थानों पर रेट जस के तस रहे। प्रदेश सरकार की नीति से औंधे मुंह पड़ा रीयल एस्टेट कारोबार उबरता नजर नहीं आ रहा है तो वहीं कारोबार की मांग है कि सर्किल रेट को उत्तराखंड और हरियाणा सरकार की तर्ज पर घटाया जाए।

हरियाणा-उत्तराखंड को बनाएं नजीर

दम तोड़ रहे रीयल एस्टेट कारोबार को जीवित रखने के लिए हरियाणा सरकार ने गुड़गांव के सर्किल रेट में 15 प्रतिशत की गिरावट की। जमीनों के भाव कम हुए तो खरीद-फरोख्त बढ़ी। उत्तराखंड सरकार ने तो देहरादून में सर्किल रेट को 49 फीसदी तक कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रतिशत बढ़कर 58 तक है। सर्किल रेट में गिरावट का असर साफ देखने को मिला। मेरठ में बुधवार को प्रस्तावित सर्किल रेट की सूची प्रकाशित की गई, इस सूची को देखकर रीयल एस्टेट को फिर बड़ा झटका लगा है।

गर्त में जाएगा रीयल एस्टेट

प्रस्तावित सर्किल रेट आने के बाद रीयल एस्टेट कारोबारियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आराध्या हाईट्स सचिन राजवंशी ने कहा कि प्रॉपर्टी की एक्चुअल प्राइस से सर्किल रेट ज्यादा हैं। रीयल एस्टेट कारोबार के औंधे गिरने का सबसे बड़ा कारण अनाप-शनाप सर्किल रेट हैं। पर्ल रेजीडेंसी के राजीव गोयल का कहना है कि एक तो वैसे ही इनवेस्टर नहीं है ऊपर से बढ़ रहे सर्किल रेट ने रीयल एस्टेट कारोबार को गर्त में पहुंचा दिया है।

घटाएं स्टाम्प ड्यूटी

अंसल हाउसिंग एंड कंस्ट्रक्शन के मार्केटिंग मैनेजर सुनील तनेजा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि रेट्स रीजनेबल कर दें, यदि नहीं कर सकते तो स्टांप ड्यूटी को घटा दें। फिलहाल सरकार 7 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी चार्ज कर रही है, इसे घटाकर 5 प्रतिशत कर दें तो रजिस्ट्री का परसेन्टेज बढ़ जाएगा। आशियाना हाउसिंग के वकुल गोयल का कहना है कि सरकार स्टांप ड्यूटी कर करे।

फिर बढ़ा दिया टारगेट

वित्तीय वर्ष 2015-16 में मेरठ में स्टाम्प ड्यूटी का टारगेट 569 करोड़ रुपये था। इसके सापेक्ष स्टाम्प से कुल वसूली 371 करोड़ हो सकी। प्रशासन 65 प्रतिशत टारगेट एचीव कर पाया। वर्ष 2016-17 में शासन ने मेरठ का टारगेट करीब 28 करोड़ बढ़ाकर 597.9 करोड़ कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक इस बार भी जिला प्रशासन इस टारगेट को एचीव करता नजर नहीं आ रहा है।

डिफरेंस को मैनेज किया

एडीएम एफआर गौरव वर्मा ने प्रस्तावित सर्किल रेट पर प्रतिक्रिया देते कहा कि मेरठ के कुछ स्थानों पर ही रेट बढ़ाए गए हैं। रीयल एस्टेट कारोबार में मंदी का असर सर्किल रेट्स पर भी है। आपत्तियां मांगी गई हैं, आपत्तियों के निस्तारण के बाद संशोधित सूची 30 जुलाई को मेरठ प्रशासन की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी।

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वर्ष टारगेट एचीव

2015-16 569 करोड़ 371 करोड़

2016-17 597.7 करोड़ 40 करोड़ (माह अप्रैल से जून तक)

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प्रमुख तिथियां

16 जुलाई-आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि।

17-25 जुलाई-आपत्तियों का निस्तारण।

30 जुलाई-संशोधित अंतिम लिस्ट का प्रकाशन।

1 अगस्त-नए सर्किल रेट प्रभावी होंगे।