1 . 20 फरवरी 1976 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में रोहन गावस्कर का जन्म हुआ था। उसके बाद सेंट जेवियर्स स्कूल, कोलकाता, बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल और फिर रामनिरंजन आनंदीलाल पोदार कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से इन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की।

2 . पढ़ाई पूरी करने के बाद रोहन गावस्कर ने अपने बचपन के प्यार से शादी कर ली।

3 . रोहन गावस्कर को पूरा क्रिकेट फैमिली का बैकग्राउंड मिला। ये तो पूरी दुनिया जानती है कि वह देश के महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर के बेटे थे। इसी के साथ बता दें कि वह भारत के पूर्व विकेट कीपर बैट्समैन गुंडप्पा विश्वनाथ के भतीजे भी थे। इसके अलावा भारतीय बल्लेबाज एम के मंत्री रोहन के ग्रेट अंकल थे।

4 . रोहन के पिता सुनील गावस्कर पहले उनका नाम रोहन जयविश्वा रखना चाहते थे। इसके पीछे कारण था कि वह उन तीन महान क्रिकेटर्स के नाम को जोड़कर उनका नाम रखना चाहते थे, जिन्हें वह बहुत मानते थे। इनमें से पहले थे पश्िचम भारत के बल्लेबाज रोहन कन्हाई। दूसरे थे एम एल जयसिम्हा और तीसरे थे गुंडप्पा विश्वनाथ। हालांकि बाद में उनका आधिकारिक नाम रोहन सुनील गावस्कर ही पड़ा।   

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5 . रोहन ने अपने ODI कॅरियर की शुरुआत 2003/04 में की। इस दौरान उन्होंने अपना पहला वन डे मैच इंडिया टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला। इस मैच में भारत को एक महत्वपूर्ण जीत हासिल हुई। इस मैच में एंड्रयू साइमंड्स का विकेट लेना गावस्कर का एकमात्र इंटरनेशनल विकेट साबित हुआ।

गावस्‍कर का बेटा इंडिया के लिए खेला पर इंडिया में नहीं खेला

6 . वीबी सीरीज के आठवे मैच में रोहन गावस्कर ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट कॅरियर की हाफ सेंचुरी बनाई। इस मैच में इन्होंने 62 बॉल्स पर 54 रन बनाए। आखिर के इसी स्कोर ने इंडिया को 3 रन से ये मैच जितवाया था।

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7. रोहन गावस्कर ने भारत के लिए 11 ODI मैच खेले। इनमें से एक भी मैच भारत की मिट्टी पर नहीं खेला गया। ये मैच खेलने के लिए गावस्कर ने इंडिया की ओर से ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और नीदरलैंड तक का सफर किया।

8 . अपने क्रिकेट कॅरियर के दौरान एक बार रोहन को अहसास हुआ कि मुंबई की ओर से उनको बहुत ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिल रहा है। ऐसे में उन्होंने मुंबई से बंगाल की ओर रुख कर लिया। यहां उनको काफी सफलता भी मिली। बता दें कि यहां उन्होंने अपने 10 साल के कॅरियर में करीब 117 फस्र्ट क्लास मैच खेले।

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9 . यही नहीं 2001-02 में रणजी ट्रॉफी सीजन के दौरान रोहन को बंगाल की ओर से टीम का कप्तान भी बनाया गया। हालांकि उनकी लीडरशिप का टीम पर उल्टा ही असर पड़ा और इस दौर में टीम ने दो बुरे सीजन देखे।

10 . 2007 में होने वाले इंडियन क्रिकेट लीग के लिए रोहन गावस्कर को कोलकाता टाइगर्स टीम की ओर से खेलने के लिए चुना गया। हालांकि इस लीग को बाद में BCCI की ओर से अनधिकृत घोषित कर दिया गया।

11 . 2012 में रोहन गावस्कर ने क्रिकेट के हर फॉर्म से अपने संन्यास की घोषणा कर दी। इसके बाद वह भी अपने पिता के पदचिह्नों पर आगे बढ़े और IPL व स्टार क्रिकेट में कंमेंटेटर बन गए।

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