-चकेरी थानाक्षेत्र में 2008 को चुनावी जीत के जश्न के दौरान हुई थी घटना

--छात्रनेता आशीष साहू, छोटू त्रिपाठी, बंटी सेंगर और अजीत राजपूत थे आरोपी

-सीतापुर कोर्ट ने सुनाया फैसला, तीन को उम्रकैद और जुर्माना, एक को बरी किया

KANPUR : चकेरी में छात्रनेता सनी गिल की गोली मारकर हत्या करने के मामले में छात्रसंघ के तीन पूर्व अध्यक्षों को मंगलवार को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जबकि एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। जिसके बाद तीनों मुल्जिमों को पुलिस की कस्टडी में जेल भेज दिया गया।

दो ने पकड़ा, तीसरे ने गोली मारी

चकेरी में रहने वाले आरएस गिल का बेटा सनी गिल छात्र नेता था। उसके चचेरे भाई चिंटू सरदार ने क्9 सितंबर ख्008 को घर पर छात्रसंघ चुनाव की जीत का जश्न रखा था। जिसमें सनी गिल भी दोस्तों के साथ मौजूद था। वहां पर छात्रनेता हर्ष फायरिंग कर रहे थे। तभी सनी की डीएवी कालेज के तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष आशीष साहू, अरविन्द राज त्रिपाठी उर्फ छोटू, संजय सिंह उर्फ बंटी सेंगर और आशीष राजपूत से कहासुनी हो गई। कुछ देर में विवाद बढ़ने पर उनमें हाथापाई होने लगी। गुस्से में छोटू त्रिपाठी और बंटी सेंगर ने सनी को पकड़ लिया और उनके कहने पर आशीष ने तमंचे से सनी को गोली मार दी। जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई थी।

आशीष की मौके पर हुई थी गिरफ्तारी

छात्रसंघ चुनाव के जीत के जश्न में वहां पर करीब डेढ़ हजार स्टूडेंट मौजूद थे। वहां पर स्टूडेंट डीजे पर डांस कर रहे थे। तभी सनी के कत्ल से वहां पर हड़कम्प मच गया। वारदात से गुस्साए स्टूडेंट्स ने जीटी रोड पर तोड़फोड़ कर जाम लगा दिया। वहीं, कुछ स्टूडेंट्स ने हत्यारों को दौड़ लिया। जिसमें आशीष साहू स्टूड़ेंट्स के हत्थे चढ़ गया। उसे स्टूडेंट्स ने पीटकर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। उसने पुलिस पूछताछ में छोटू त्रिपाठी, बंटी सेंगर और आशीष राजपूत का नाम खोला था।

पुलिस ने तो बचा लिया था, कोर्ट में फंसे

इस हाईप्रोफाइल कत्ल में पुलिस ने मुख्य आरोपी छोटू त्रिपाठी और बंटी सेंगर को क्लीन चिट दे दी थी। विवेचक ने साक्ष्य के अभाव में उनका नाम केस से हटा दिया था, लेकिन कोर्ट में गवाहों के बयान पर दोनों को धारा फ्क्9 के तहत तलब कर आरोपी बनाया गया था। जिसके बाद कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर दोनों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।

सीतापुर कोर्ट ने सुनाई सजा

शहर के बहुचर्चित सनी गिल हत्याकांड की सुनवाई कानपुर में एडीज-क्7 कोर्ट में चल रही थी। इसमें वादी ने केस ट्रांसफर की अपील की थी। जिसके बाद इस केस की सुनवाई सीतापुर कोर्ट में हुई। जहां पर कोर्ट ने मंगलवार को आशीष, छोटू त्रिपाठी और बंटी सेंगर को दोषी पाते हुए सजा सुनाई, जबकि आशीष राजपूत को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

पालिटिकल बैकग्राउन्ड से है वादी और आरोपी

इस हाईप्रोफाइल केस में मृतक सनी गिल के पिता आरएस गिल और चाचा कुलवंत सिंह गिल सपा पार्टी से जुड़े थे। जिसमें कुलवंत सिंह अल्पसंख्यक सभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनका बेटा वर्तमान में कांग्रेस पार्टी में है। वहीं, इस केस में आरोपी बंटी सेंगर सपा छात्रसभा का राष्ट्रीय महासचिव रह चुका है, जबकि छोटू त्रिपाठी का भाई धीरू त्रिपाठी भाजपा पार्षद है। फैसले की जानकी सनी गिल के भाई रिंकू गिल ने दी।