-शहर में मात्र 42 किमी ही बिछ पाया इंसुलेटिडड वायर

-योजना के लिए ऊर्जा निगम को मिले थे 20 करोड़ रुपये का बजट

ROORKEE: शहर में इंसुलेटिड वायर से बिजली की सप्लाई का काम पूरा नहीं हो पाया है। कार्य पूरा न होने के कारण इस बार गर्मी के दिनों में लाइनों के टूटने एवं लो वोल्टेज की समस्या आ सकती है। पूरे शहर में मात्र ब्ख् किमी क्षेत्र में ही यह लाइन बिछी है।

बिजली चोरी में नहीं लग पा रही लगाम

रुड़की में अधिकारियों की लाख कोशिश के बावजूद भी बिजली चोरी पर लगाम नहीं लग पा रही है। शहर में बिजली चोरी रोकने और उपभोक्ताओं को सही आपूर्ति देने के लिए उर्जा निगम ने आरपीडीआरपी (रिस्ट्रक्चर एक्सिलेटिड़ पावर डवलपमेंट एंड रिफार्म प्रोग्राम) के तहत शहर में इंसुलेटिड वायर और बड़ी क्षमता के ट्रांसफार्मर का लोड कम करने के लिए अगल-अलग स्थानों पर कम क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाने की योजना बनाई गई थी। इस योजना के लिये ऊर्जा निगम को ख्0 करोड़ रुपये का बजट मिला।

कई क्षेत्रों में नहीं लग पाई इंसुलेटिड वायर

बजट के जरिये शहर में ब्9 किमी लंबी विद्युत लाइन को इंसुलेटिड वायर में बदले जाने, कॉलोनियों में ट्रांसफार्मर लगाने एवं रामनगर में एक बिजलीघर का निर्माण किया जाना था। ऊर्जा निगम की ओर से पूरे शहर में इंसुलेटिड वायर नहीं बिछाया गया है कहीं पर दो किमी तो कहीं पर पांच किमी और कहीं पर पांच सौ मीटर इंसुलेटिड वायर बिछाकर अभी तक कुल ब्ख् किमी ही केबल बिछाया गया है। बिजली चोरी के लिये जाने माने मोहल्लच् मच्छी मोहल्ला, माहीग्रान, गुलाबनगर, प्रीत विहार आदि क्षेत्रों में केबल नहीं बिछ पाई है। ऐसे में एक बार फिर शहर के लोगों को गर्मी के दिनों में बिजली कटौती की समस्या से जूझना पड़ सकता है। इधर, प्रोजेक्ट मैनेजर डीके जोशी का कहना है कि योजना के अन्तर्गत जितना कार्य की स्वीकृति मिली थी उतना लगभग पूरा हो चुका है। शेष क्षेत्र में विद्युत वितरण खंड अपने स्तर से इंसुलेटिड वायर बिछाएगा।