- शराबबंदी और नोटबंदी की मार से बैठ गई इंडस्ट्रीज

PATNA (18 Jan) : पहले शराबबंदी और फिर नोटबंदी। इन दोनों तरह के 'बंदी' के फैसलों ने भले ही कई सुधार किए हों लेकिन, इंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज को पूरी तरह से तबाह कर के रख दिया है। बिहार के बड़े-बड़े कलाकारों की हालत पहले की तरह अब बेहतर नहीं है। बड़े व्यवसाय वाले ये इंडस्ट्रीज भी मंदी की मार झेल रहे हैं। मॉडलिंग से लेकर सिंगिंग या फिर बुक फेयर जैसे एजुकेशनल इवेंट सब पर शराबबंदी और नोटबंदी का काफी गहरा असर पड़ा है। आज आपको आई नेक्स्ट बताने जा रहा है कि शराबबंदी और नोटबंदी के बाद बिहार में इंटरटेनमेंट की क्या स्थिति है आइए जानते हैं

'बंदी' से सभी प्रोग्राम हुई कैंसल

राजधानी पटना के बाकरगंज निवासी और मिस इंडिया इंटरनेशलन सुप्रिया ऐमन ने आई नेक्स्ट को बताया कि नोटबंदी से बिहार ही नहीं बल्कि सभी स्टेट में इंटरटेनमेंट पर असर पड़ता है। क्रिसमस और फ्क् दिसम्बर को आयोजित होने वाले प्रोग्राम को नोटबंदी से पहले ही बुक कराया गया था। पर समारोह के दो दिन पहले पता चला कार्यक्रम ही स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में हमारा काफी नुकसान हुआ जिसकी भरपाई अब तक नहीं हुई।

असर फिल्मों पर भी

बिहार में शराबबंदी और नोटबंदी की वजह से आम जन तो हलकान हैं ही, इसका असर फिल्म इंडस्ट्री पर भी काफी पड़ा है। पीएम की नोटबंदी की वजह से भ् से म् भोजपुरी फिल्में रिलीज नहीं हो सकी हैं। वहीं कई फिल्मों की शूटिंग पर भी इसका असर पड़ा है। फिल्म निर्माताओं को पहले से ही डर था कि नोटबंदी के कारण दर्शक सिनेमा हॉल नहीं पहुंचेंगे और हो भी यही रहा। इसकी वजह से भोजपुरी सिनेमा को घाटा उठाना पड़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक नोटबंदी से पहले महीने भर में क्00 से ज्यादा फिल्मों की शूटिंग होता था पर अब आलम यह है कि भ्0 फिल्में भी शूटिंग नहीं हो रही है।

ये फिल्में नहीं हुई रिलीज

नोटबंदी के असर के कारण पवन सिंह और रानी चटर्जी की फिल्म 'सरकार राज', यश मिश्रा और पूनम दूबे की फिल्म 'रंगदारी टैक्स', खेसारी और काजल की फिल्म 'मेहंदी लगा के रखना', और अविनाश शाही की फिल्म 'सजनवा बैरी भइल हमार' समेत कई फिल्में रिलीज नहीं हो सकी। फिल्म निर्माताओं ने अपने फिल्मों का डेट बढ़ा कर अगले साल कर दिया है।

सिनेमा हॉल पर भी पड़ा असर

सूत्रों के अनुसार बिहार के अलावा देश में जितने भी छोटे सिनेमा हॉल्स है, उनकी भी आर्थिक स्थिति पहले से और बदतर हो गई है। ऐसे सिनेमा हॉल्स में हिन्दी की बड़ी फिल्में नहीं लगा करती हैं। इनमें सिर्फ भोजपुरी फिल्में ही दिखाई जाती हैं और यही उनके लिए कमाई का जरिया होता था। कम पैसे के टिकटों के कारण दर्शक भी इन सिनेमा हॉल तक रूख नहीं कर रहे हैं।

शराबबंदी का असर इवेंट पर

भोजपुरी की मशहूर गायिका देवी ने बताया कि देशी शराब बंद करना सरकार का स्वागत योग्य है। पर अंग्रेजी शराब को हमलोग दवा के रूप में करते थे। कोई भी कार्यक्रम के बाद थकान महसूस होने पर अंगे्रजी शराब का सेवन करने से थकान दूर हो जाती थी।

कम हो गए शो

शराबबंदी के बाद नोटबंदी होने से मार्केट का हाल खराब हो गया है। सभी भ्00 और क् हजार के नोट बैंक में जमा कर दिए है। अब लोगों की जेब खाली हो गई है। यही वजह है कि बिहार में कई बड़े आयोजनों को फिलहाल बंद कर दिया गया है। का कहना है कि नोटबंदी से पहले मै एक महीनें में क्0-क्भ् शो किया करती थी। अब आलम ये हो गया है कि किसी महीने में ब् शो तो किसी महीने भ् शो ही मिल पा रहा है।

नोटबंदी ने बदल दिया कॅरियर

देवा एंड दिवा ख्0क्म् के विजेता ऋचा राजपुत ने बताया कि देवा एंड दिवा के विजेता बनने के बाद लग रहा था कि मैं कुशल मॉडल हूं। महीने भर 7-8 शो कर लेती थी। नोटबंदी के बाद इवेंट कंपनी भ्00 और क् हजार के मॉडल ढ़ूढ़ने लगे हैं। नोटबंदी का एक भी शो करने का मौका नहीं मिला है। यदि यही हाल रहा तो मॉडलिंग को अलविदा कह दूंगी। अपना कॅरियर किसी और क्षेत्र में बनाउंगी।

-बिहार में कई बड़े मॉडलिंग इवेंट और एजुकेशनल बुक फेयर ख्0क्भ् में आयोजन हुए। नोट बंदी और शराबबंदी के बाद इन इवेंटों पर ग्रहण लग गया

क्- मिस बिहार

ख्- मिस पटना एंड मिस्टर पटना

फ्- देवा एंड दिवा

ब्- मिसेज एशिया यूनिवर्स

भ्- बुक फेयर