स्वच्छ सरकार के लिए तलाशे जा रहे हैं ईमानदार अफसर

:::आई स्पेशल:::

प्वाइंटर्स

-ईमानदार अफसरों के साथ दागी और लापरवाह अफसरों की भी हो रही है सूची तैयार

-सर्विस ट्रैक रिकॉर्ड और लोकल इंटेलिजेंस के इनपुट से बन रही है लिस्ट

-लिस्ट में हाई, मिडिल और लोअर सभी लेवल के हैं अधिकारी

-जल्द हो सकता है राज्य की नौकरशाही में बड़ा फेरबदल

-पूर्व सरकार के वक्त बड़े पदों पर बैठाए गए रिटायर्ड अफसरों पर भी नजर

-रिटायरमेंट के बाद मलाई खा रहे करीब 2 दर्जन अफसर हो सकते हैं बाहर

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देहरादून, सूबे में स्वच्छ और ईमानदार सरकार देने के वादे के साथ ही सीएम टीआरएस ने ईमानदार अधिकारियों की लिस्ट तैयार करने को कहा है। सचिवालय में पदस्थ उच्च अधिकारियों के मुताबिक लिस्ट करीब-करीब तैयार कर ली गई है। सूबे की कमान संभालते ही सीएम ने इस लिस्ट को बनाने के आदेश दिए थे। इस लिस्ट में तमाम बड़े ब्यूरोक्रेट्स के साथ साथ मिडिल और लोअर लेवल के अधिकारी भी शामिल हैं। सबकी अलग अलग लिस्ट तैयार की जा रही है। इतना ही नहीं, इसके साथ साथ उन अफसरों की भी सूची तैयार कर दी गई है जो रिटायर होने के बाद भी पूर्व सरकार के वक्त उच्च पदों पर बैठाए गए थे।

खंगाला गया है पूरा रिकॉर्ड

टीएसआर ने जब सीएम पद संभाला तो सबसे पहले यही कहा कि भ्रष्टाचार पर उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस रखेगी। इसी पर आगे बढ़ते हुए उन्होंने स्वच्छ सरकार चलाने के लिए ईमानदार अफसरों की अलग लिस्ट बनाने के आदेश दिए। अफसरों की लिस्ट उनके काम के रिकॉर्ड के आधार पर तैयार की गई है। ऐसे अफसरों का बैकग्राउंड खंगालने के लिए दूसरे अफसरों के अलावा लोकल इंटेलीजेंस की भी मदद ली गई है। ये तमाम वो अफसर हैं जो फास्ट डिलीवरी देने वाले हैं और जिनका ट्रैक रिकॉर्ड नीट एंड क्लीन है। सूत्रों का कहना है कि सरकार इन तमाम ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों को बड़े विभागों और योजनाओं की कमान सौंपेगी.

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हो सकता है बड़ा फेरबदल

शासन में जिस तरह टीआरएस के आदेश पर अफसरों की लिस्ट तैयार हो रही है उससे साफ संकेत मिलते हैं कि आने वाले कुछ ही दिनों में बड़ा फेरबदल हो सकता है। कई ब्यूरोक्रेट्स के पर कतरे जा सकते हैं और कइयों को इधर से उधर किया जा सकता है। कमान संभालते ही टीआरएस के आदेश पर कुछ बड़े अफसरों को इधर-से उधर किया गया था तो कुछ अफसर ऐसे भी थे जिनसे कई महत्वपूर्ण विभाग छीन लिए गए थे। अब एक और बड़े फेरबदल के संकेत हैं.

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योगी की राह पर टीआरएस

उत्तराखंड के सीएम टीआरएस कई मायनों में यूपी के सीएम योगी की राह पर भी चल रहे हैं और उनके फॉर्मूले भी अपना रहे हैं। यूपी में योगी ने सबसे पहले उन अफसरों की सूची बनाई जो रिटायर होने के बाद भी उच्च पदों पर बैठाए गए थे। ठीक उसी तरह टीआरएस की नजर भी उन अफसरों पर लगी हुई है जो कांग्रेस सरकार के वक्त रिटायरमेंट के बाद अलग अलग विभागों में दोबारा नियुक्त कर सैटल किए गए थे। ये सभी अधिकारी अभी भी सरकारी मलाई खा रहे हैं। टीआरएस सरकार की इन पर भी नजर है और इन सबकी लिस्ट अलग से बनाई गई है। इन सबका ट्रैक रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। सूत्रों की मानें तो इनमें से ज्यादातर की जल्दी ही छुट्टी हो सकती है। ऐसे अधिकारियों की संख्या करीब दो दर्जन है।

:::वर्जन :::

सीएम ने भ्रष्टाचार को धर्मयुद्ध के तौर पर लड़ने की बात कही है। यही सिस्टम का पार्ट भी है। जिसमें बेहतर प्रशासनिक टीमें काम करेंगी। जीरो टॉलरेंस में अब भ्रष्टाचारियों को डरने और ईमानदारियों को साहस दिखाने की जरूरत है। अपना-पराया व रिश्तेदार बाधा नहीं बनेंगे।

मुन्ना सिंह चौहान, विधायक व प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा।

स्वच्छ सरकार का दावा करने वाले मुखिया पर खुद ही आरोप लगे हैं। बेहतर होता भाजपा सरकार पिछली विधानसभा के दौरान क्8 अप्रैल की कार्यवाही से पहले की कार्यवाही का अध्ययन करती, उसके बाद उन अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई करती। सरकार ने महज यह नया तरीका ढूंढ़ा है।

किशोर उपाध्याय, पीसीसी चीफ।