आगरा। डॉक्टर न्यू बॉर्न बेबी के लिए खास सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। उसके आस-पास सफाई रखने के लिए कहा जाता है, लेकिन एसएन के गायनिक डिपार्टमेंट में डॉक्टर्स इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। वार्ड के बेड खस्ताहाल हैं। गद्दे फटे हुए हैं। कई-कई दिनों तक बेडशीट नहीं बदली जाती। महिला मरीज और नवजात गंदे बेड पर सोने को मजबूर हैं, जिससे उनके इंफेक्शन के चपेट में आने से इंकार नहीं किया जा सकता। लेकिन, जिम्मेदार अधिकारी आंखें बंद कर बैठे हैं।

फटे हुए गद्दे, चादर हैं लापता

एसएन मेडिकल कॉलेज के गायनिक डिपार्टमेंट में बेड पर पड़े गद्दे खस्ताहाल हैं। गद्दों की हालत यह है कि रूई बाहर निकल रही है। जगह-जगह से फटे हुए हैं। इन फटे हुए गद्दों को छिपाने के लिए विभाग के पास चादरों तक का इंतजाम नहीं है।

नहीं बदली जाती हैं चादरें

महिला मरीज को जो बेड दे दिया जाता है, हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने तक वह उसी बेडशीट पर लेती रहती है। विभागीय कर्मचारियों द्वारा बेडशीट तक को चेंज तक नहीं किया जाता। ऐसे में महिला और उसके न्यू बॉर्न बेबी के इंफेक्शन में आने की आशंका बढ़ जाती है।

टॉयलेट में पड़े हुए हैं ताले

एसएन मेडिकल कॉलेज के गायनिक डिपार्टमेंट के अधिकांश टॉयलेट्स में ताले पड़े हुए हैं। जो टॉयलेट खुले हुए भी हैं, वह इतने गंद हैं, जहां मरीज जाना पसंद नहीं करते। ऐसे में महिलाओं को मजबूरन खुले में शौच के लिए