-कांवर यात्रा के लिए छोटे बच्चों और महिलाओं की हो रही है अच्छी खासी भीड़

-दस से 15 साल के 200 से अधिक बच्चे महज एक सप्ताह में कर चुके हैं बाबा का जलाभिषेक

VARANASI

बाबा दरबार की कठिन डगरिया पर बगैर किसी परवाह के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए डेली सैकड़ों कांवरिया पहुंच रहे हैं। कोई अपनी किसी मन्नत को पूरा करने के लिए कांवर उठाये आ रहा है तो कोई शौक में लेकिन बाबा के इन भक्तों में कुछ ऐसे भक्त भी हैं जिनके कद, उम्र और उत्साह को देख हर कोई दांतों तले उंगली दबा ले रहा है। ये भक्त हैं बाबा के नन्हे कांवरिया। भोलेनाथ के माह सावन में श्रद्धा और भक्ति संग बोल बम के जयघोष संग डेली नन्हे कांवरिया बाबा की कठिन डगरिया पर हाथों में कांवर थामे पहुंच रहे हैं।

जोश तो पूछिये ही मत

अदलपुरा मिर्जापुर का रहने वाला दस साल का जितेन्द्र पिता सेवालाल के साथ इस साल कांवर उठाने की जिद पर अड़ा था। पिता ने मना भी किया कि बेटा तू छोटा और इलाहाबाद से बनारस की कांवर यात्रा पैदल नंगे पैर तू पूरा नहीं कर सकेगा लेकिन नन्हे जीतेन्द्र ने कांवरिया बनने की ऐसी जिद पकड़ी कि उसके पिता को उसे साथ लेकर निकलना ही पड़ा। नन्हा जीतेन्द्र बाबा के छोटे भक्तों की लिस्ट में अकेला नहीं है क्योंकि अब तक सावन में एक सप्ताह के अंदर ख्00 नन्हे कांवरिया बाबा का जलाभिषेक करने पहुंच चुके हैं। दशाश्वमेध चितरंजन पार्क में और रथयात्रा पर कांवरिया शिविर संचालित करने वाले पदाधिकारियों का कहना है कि नन्हे कांवरियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। पिछले साल करीब नौ सौ कांवरिया सावन के दौरान आये थे लेकिन इस बार तो पहले हफ्ते में ही इनकी संख्या ख्00 हो गई है। इसलिए उम्मीद है कि इस साल बाबा के नन्हे भक्त और अधिक संख्या में पहुंचेंगे।

लेडी कांवरिया में भी जोश

वैसे देखने में आता है कि कांवर यात्रा जैसे कठिन संकल्प को पूरा करने में पुरुष ही आगे होते हैं लेकिन महिलाएं भी इसमें काफी आगे हैं। इस बार महिला कांवरिया भी अच्छी संख्या में पहुंच रही हैं। रथयात्रा स्थित कांवरिया शिविर में मौजूद संजय सिंह का कहना था कि एक सप्ताह में करीब भ्0 महिला कांवरिया उनके शिविर में पहुंची हैं।