कर्ज लेकर किसानों की कर्ज माफी

-राज्य सरकार ने शुरू की कवायद, अफसरों से की मंत्रणा

LUCKNOW: किसानों से कर्ज माफी का वादा निभाने के लिए राज्य सरकार खुद कर्ज लेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी कवायद शुरू करते हुए अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। उनके निर्देश पर वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल भी फसली ऋण माफी एवं बजट के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने गृह और पुलिस तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ देर शाम बैठक कर कई अहम दिशा निर्देश दिए।

बैंकों को भुगतान करेगी सरकार

किसानों के कर्जमाफी के फलस्वरूप माफ की गयी धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा बैंकों को किया जाएगा। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के लागू होने के कारण राज्य सरकार पर लगभग 25 हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष अतिरिक्त व्यय भार आ गया है। साथ ही लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में जनभावनाओं में दृष्टिगत प्रदेश सरकार की ऐसी अनेक प्रतिबद्धताएं हैं, जिनमें सरकार के लिए बड़ी वित्तीय चुनौतियां हैं। दरअसल किसानों के फसली ऋणमाफी से पड़ने वाले वित्तीय बोझ को वहन करने वाले कई प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सामने आये हैं। सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुदान संख्या-32 के तहत ट्रांसफर-टू-स्टेट मद से सहयोग प्राप्त करना और राज्य सरकार द्वारा ऋण लिया जाना प्रमुख है। हालांकि राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंध अधिनियम (एफआरबीएम) एक्ट के तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार द्वारा ऋण लिये जाने की सीमा निर्धारित है। मालूम हो कि कृषि गणना 2011 के अनुसार राज्य में 2.30 करोड़ किसान हैं। इनमें लघु और सीमांत किसान सवा दो करोड़ हैं।