भारतीय क्रिकेट टीम ने बुधवार को फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए आईसीसी क्रिकेट विश्व कप-2011 के ग्रुप-बी मुकाबले में नीदरलैंड्स को पांच विकेट से हरा दिया। इस जीत ने भारत को सात अंकों के साथ तालिका में सबसे ऊपर पहुंचा दिया है लेकिन यह जीत भारत की सम्भावित विजेता की साख के साथ न्याय करती नहीं दिख रही है।

भारत ने नीदरलैंड्स द्वारा दिए गए 190 रनों के लक्ष्य को 36.3 ओवरों में पांच विकेट खोकर हासिल किया। उसकी जीत में सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (39 रन, 26 गेंद, पांच चौके और दो छक्के) तथा युवराज सिंह (नाबाद 51 रन, 73 गेंद, सात चौके) का अहम योगदान रहा।

युवराज ने चौका लगाकर अपनी टीम को विजयश्री दिलाई। उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। इसके अलावा सचिन तेंदुलकर ने 27 और गौतम गम्भीर ने 28 रन बनाए। कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने 19 नाबाद रन जोड़े। धौनी और युवराज ने छठे विकेट के लिए 52 रन जोड़े।

युवराज ने आयरलैंड के खिलाफ भी नाबाद 50 रन बनाए थे। उस मैच में युव्वी ने पांच विकेट भी लिए थे। इस तरह युवराज को दो मैचों में लगातार दो बार मैन ऑफ द मैच मिला लेकिन पिछले दो मुकाबलों में भारत की जीत संतोषप्रद नहीं कही जा सकती। उसे आयरलैंड के खिलाफ भी जीत के लिए संघर्ष करना पड़ा था।

आयरलैंड ने पहले खेलते हुए 207 रन बनाए थे और भारत को जीत के लिए 46 ओवरों तक इंतजार कराया था। युवराज का अर्धशतक ऐसे समय में सामने आया था, जब भारत ने एक समय 100 रन पर अपने चार विकेट गंवा दिए थे।

इस विश्व कप में भारत की यह तीसरी जीत है। उसने बांग्लादेश, आयरलैंड और नीदरलैंड्स को हराया है जबकि इंग्लैंड के साथ उसका मुकाबला टाई रहा था। भारत ने सात अंकों के साथ तालिका में पहला स्थान हासिल कर लिया है, जबकि इंग्लैंड पांच अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के चार-चार अंक हैं।

भारत को अपना अगला मुकाबला 12 मार्च को नागपुर के विदर्भ क्रिकेट संघ मैदान पर खेलना है। दिन-रात के इस मुकाबले को जीतकर भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में स्थान पक्का कर लेगी।

इससे पहले, भारतीय टीम नीदरलैंड्स को 46.4 ओवरों में 189 रनों के स्कोर पर आउट करने में सफल रही। वेस्ले बारेसी और एरिक श्वार्जवनस्की ने पहले विकेट के लिए 56 रन जोड़कर अपनी टीम को शानदार शुरुआत दिलाई थी लेकिन अनुभव की कमी के कारण मेहमान टीम इसका फायदा नहीं उठा सकी।

मेहमान टीम के लिए कप्तान पीटर बोरेन ने सर्वाधिक 38 रन जोड़े जबकि बारेसी 26 रनों का योगदान दिया। श्वार्जवनस्की ने 28 रन बनाए। अंतिम क्षणों में मुदस्सर बुखारी ने 18 गेदों पर एक चौके और दो छक्कों की सहायता से 21 रन बटोरे। बोरेन ने 36 गेंदों पर तीन चौके और दो छक्के लगाए।

भारत की ओर से जहीर ने तीन विकेट हासिल किए जबकि चावला और युवराज को दो सफलता मिली। एक विकेट नेहरा के खाते में गया। दो बल्लेबाज रन आउट हुए। युवराज ने इस मैच में दो विकेट झटकने के साथ एकदिवसीय मैचो में 100 विकेट पूरे किए।

मैच के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा कि उनकी टीम को कुछ क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है। धौनी ने कहा, "हम इस मैच के लिए काफी सारी उम्मीदें लेकर आए थे। हमें कई क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है। हमें यह मैच बड़े अंतर से जीतना चाहिए था। निचले क्रम को 190 रन के स्कोर के लिए मैदान में नहीं आना चाहिए था।"

दूसरी ओर, बोरेन ने कहा कि उनकी टीम इस रात को नहीं भूल पाएगी। बोरेन के मुताबिक अपने पहले ही में भारत के चार बल्लेबाजों को पेवेलियन लौटा देना सचमुच खास है।

बकौल बोरेन, "100 रन पर चार विकेट, मुझे एक समय तो यकीन नहीं हो रहा था कि हम भारत के खिलाफ ही खेल रहे हैं। उस समय दिमाग में आ रहा था कि एक-दो विकेट और गिर जाएं तो मैच जीतने के बारे में सोचा जा सकता है। मैं पीटर सीलार की गेंदबाजी की तारीफ करता हूं। पीटर ने एक मजबूत टीम के खिलाफ बहादुरी भरा प्रदर्शन किया है।"

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