यूनीवर्सिटी ने 14 मार्च को आइंस्टाइन के जन्मदिन व इजरायल के नेशनल साइंस डे के अवसर पर एक वक्तव्य जारी कर यह जानकारी दी थी. लंदन के एक व्यक्ति ने इसके लिए 500,000 डॉलर का ग्रांट दिया है लेकिन उसने अपने नाम को सार्वजनिक नहीं करने की अपील की है.

यूनीवर्सिटी के प्रेसिडेंट मेनाहेम बेन-सैसन कहते हैं कि इसके पीछे उनका उद्देश्य यह है कि ज्यादा से ज्यादा लोग आइंस्टाइन के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सकें. गौरतलब है कि हिब्रू यूनीवर्सिटी के फाउंडर्स में से एक आइंस्टाइन ने अपनी वसीयत में अपना पूरा आर्काइव इस यूनीवर्सिटी के नाम लिख दिया था.

अमेरिका के न्यूजर्सी के प्रींस्टन में इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी में ये दस्तावेज संग्रहित थे नोबेल पुरस्कार विजेता आइंस्टाइन ने यहां दशकों तक रिसर्च किया था. ये दस्तावेज 1982 में इजरायल लाए गए थे. विश्वविद्यालय की जूइश नेशनल लाइब्रेरी में इन्हें रखा गया. आइंस्टाइन के इन दस्तावेजों को फिजिक्स का महत्वपूर्ण सोर्स माना जाता है.

 

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