- आए दिन प्रदेश की सीमा से पकड़ी जा रही शराब की खेप

- उत्पाद विभाग ने बॉर्डर क्षेत्र पर बढ़ाई है चौकसी फिर भी नहीं राहत

PATNA : शराबबंदी के बाद भी शराब का कारोबार हो रहा है। जबकि उत्पाद विभाग ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शराब तस्करी रोकने के लिए पूरी फौज लगाई है। पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो क्भ् दिनों में लगभग एक दर्जन तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं और दसहजार लीटर शराब बरामद हुई है।

- बॉर्डर बन रहे हैं चुनौती

प्रदेश में शराबबंदी के बाद झारखंड और यूपी के साथ नेपाल चुनौती बन गया है। हर तरफ से ट्रेन से लेकर अन्य साधनों से शराब की खेप आ रही है। पटना जक्शन, गया और अन्य कई रेलवे स्टेशनों पर एक सप्ताह में रेल पुलिस ने एक हजार लीटर शराब बरामद की है।

- संसाधन बढ़ा नहीं मिली सफलता

विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक के निर्देश पर शराब पर सख्ती के लिए कई योजना बनी है। इसमें संसाधन और जवानों की तैनाती शामिल है। अतिरिक्त सैप के जवान के साथ होमगार्ड के जवानों को चेकपोस्ट पर तैनात किया गया है। इसके बाद भी अंकुश इसलिए नहीं लगा क्योंकि ट्रेंड बदल गया है।

- तस्करों ने बदला ट्रेंड

पहले यूपी से अधिक शराब की खेप आती थी। अब झारखंड से भी तस्करी का सिलसिला तेज हो गया है। सूत्रों का कहना है कि बस और मालवाहक वाहनों से शराब लाई जा रही है। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि झारखंड से आने वाली गिट्टी बालू के नीचे शराब की बोतले छिपाकर लाई जा रही है। तीन माह पूर्व बाइपास पर एक वाहन के दुर्घटना होने पर इसकी पोल भी खुली थी। और तो और तस्कर एम्बुलेंस तक का सहारा ले रहे हैं।

- उत्पाद विभाग बढ़ाएगा चौकसी

उत्पाद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए चौकसी बढ़ाई जाएगी। इसके लिए दो हजार सैप जवान और चार हजार होमगार्ड के अतिरिक्त जवानों को तैनात किया जाएगा।