अधिवक्ताओं ने जिले के सभी छह रजिस्ट्री कार्यालय बंद कराए

रजिस्ट्री ऑफिस में भटक रहे लोग

Meerut। अधिवक्ताओं के कार्य बहिष्कार का सबसे ज्यादा खामियाजा रजिस्ट्री ऑफिस को भुगतना पड़ रहा है। अधिवक्ताओं ने जिले के सभी छह रजिस्ट्री कार्यालय बंद करा रखे है, जिससे रोजाना 50 लाख रुपये के राजस्व की हानि हो रही है। वहीं, इसके साथ कोषागार कार्यालय बंद होने से स्टांप की बिक्री पर भी प्रभावित हो रही है।

दो दिन से प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के लिए रजिस्ट्री कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है।

बाबू खान, अब्दुलापुर

रजिस्ट्री कराने के बुधवार को कचहरी में आए थे। रजिस्ट्री कार्यालय बंद होने से उनकी रजिस्ट्री नहीं हो सकी।

नरेंद्र गुप्ता ब्रह्मापुरी

मकान की रजिस्ट्री के लिए कचहरी में आए थे। उन्हें न तो स्टांप पेपर मिले। न ही उनके मकान की रजिस्ट्री हो पाई।

रमेश कुमार, आबूलेन

अधिवक्ताओं की हड़ताल से काफी परेशानी हो रही है। रजिस्ट्री ऑफिस को बिना वजह अधिवक्ताओं ने बंद करवा रखा है। जिसके कारण उनके प्लाट की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है।

भगवान सिंह मोहनपुरी

तीसरे दिन भी अनशन पर रहे अधिवक्ता

हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर जिले के अधिवक्ता तीसरे दिन भी न्यायिक कार्यो से विरत रहे। कचहरी में केंद्र व यूपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चेंबर व रजिस्ट्री कार्यालय बंद कराया। क्रमिक अनशन पर बैठे रहे। इस अवसर पर सतीश कुमार बालियान, पीताम्बर सिंह, अलाउद्दीन सिद्दीकी, देवकरण शर्मा, ब्रजपाल सिंह, दमोदर शर्मा, रूप चंद शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री प्रबोध शर्मा ने कहा कि कई जिलों से हाईकोर्ट बेच को लेकर समर्थन मिल रहा है। उनकी अभी हड़ताल चार दिन ओर चलेगी।