- थर्ड पार्टी टारगेट के मुताबिक प्रति शौचालय के भुगतान की राशि कम होने पर काई एजेंसी तैयार नहीं

>BAREILLY: स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालयों का सत्यापन थर्ड पार्टी से कराने के केंद्र सरकार के फैसले ने अधिकारियों की टेंशन बढ़ा दी है। प्रति शौचालय महज दो रुपए के रेट से भुगतान पर कोई भी संस्था 'पीएम के सपनों का सत्यापन' करने को राजी नहीं हो रही। जबकि 15 मई तक सत्यापन की रिपोर्ट शासन को सौंपनी है। ऐसे में किसी एजेंसी के राजी न होने के चलते अधिकारियों को कार्रवाई का डर सताने लगा है।

दाम कम पर काम हो अच्छा

मालूम हो कि थर्ड पार्टी से सत्यापन कराने की योजना और उसके लिए किए जाने वाले भुगतान का रेट केंद्र सरकार ने तय किया है। पिछले 5 दिनों से सत्यापन के जिम्मेदार अधिकारी ऐसी किसी कार्यदायी संस्था को खोज रहे हैं जो इतने कम रेट में सत्यापन को राजी नहीं हो रही है। अभी तक उन्होंनें करीब दर्जन भर से ज्यादा एजेंसी से इस रेट पर कार्य करने के लिए कहा, लेकिन हर जगह उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। ऐसे में अफसर भी समझ गए हैं कि यह कार्य बिना रेट बढ़ाए नहीं हो पाएगा। हालांकि, उनके सामने दिक्कत यह भी है कि उन्हें रेट बढ़ाने अधिकार नहीं है। जबकि 15 मई तक सत्यापन की रिपोर्ट सबमिट भी करनी है।

यूं करना होगा सत्यापन

थर्ड पार्टी को जिला पंचायती राज विभाग बनाए गए शौचालयों की एड्रेस लिस्ट देगा। मौके पर पहुंचकर शौचालयों के साथ लाभार्थी की फोटो क्लिक करनी होगी। शौचालय को बनाने और पूर्व में हुए सत्यापन की तिथि, मानकों के अनुसार निर्माण कार्य गुणवत्ता रजिस्टर में दर्ज करनी होगी। संबंधित व्यक्ति बाइक या अन्य किसी भी साधन से सत्यापन कर सकता है। उन्हें खाने-पीने, पेट्रोल या डीजल का कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। उन्हें सिर्फ शौचालयों का रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए प्रति शौचालय दो रुपए का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा प्रतिदिन कम से कम सौ और अधिकतम डेढ़ सौ शौचालयों का सत्यापन करना होगा।

विभाग भरोसेमंद नहीं

बरेली में पिछले 3 वर्षो से प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाए जा रहे हैं। अब तक करीब 23 हजार शौचालय बनाए जा चुके हैं। पिछले दो वर्षो में हुई आधिकारिक और जनप्रतिनिधि के निरीक्षण में कई खामियां निर्माण में पाई गई। करीब 8 हजार शौचालय महज कागजों में ही पाए गए। इसके अलावा ऑनलाइन फीड किए गए फोटो में भी हेरफेर पाया गया। जिसमें जिला पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत होने की पुष्टि हुई थी। मामले में एडीओ, सचिव, प्रधान और ग्राम विकास अधिकारियों पर गाज भी गिरी थी। कारगुजारियों के बाद थर्ड पार्टी से सत्यापन के निर्देश दिए गए।

केंद्र सरकार ने शौचालयों का सत्यापन थर्ड पार्टी से कराने के निर्देश दिए हैं। थर्ड पार्टियां प्रति शौचालय कम रेट को बढ़ाने के लिए कह रही रही हैं।

वीके सिंह, डीपीआरओ