- नए सेशन से सभी कोर्सेस की सीटों पर होंगेओपन एडमिशन

- सभी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को मिलेगा बराबर का मौका

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी अपनी एडमिशन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। यूनिवर्सिटी प्रशासन एडमिशन के ऑर्डिनेंस में संशोधन कर आरक्षण के नियमों में बदलाव करेगा। इसके तहत यूनिवर्सिटी अपने सभी कोर्सेस में एडमिशन के लिए आरक्षित सीटों के नियमों में परिवर्तन करेगी। अभी तक यूनिवर्सिटी अपने यूजी और पीजी कोर्सेस की 80 प्रतिशत सीट एलयू व सम्बद्ध कॉलेजों और 20 प्रतिशत सीट पर दूसरे स्टेट की यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को एडमिशन देती है। पर, अब नए एडमिशन प्रक्रिया में इस नियम को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। इसका निर्णय 25 फरवरी को होने वाली एडमिशन कमेटी की बैठक में लिया जाएगा।

फटकार के बाद जागी यूनिवर्सिटी

लखनऊ यूनिवर्सिटी में सेशन 2016-17 की एडमिशन प्रक्रिया के दौरान एलएलएम कोर्स में इसी नियम के तहत एडमिशन दिए गए। जिसके बाद मेरिट में नाम होने पर भी दूसरी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को सीट फूल होने की बात कहकर एडमिशन देने से मना कर दिया गया। इसके बाद एक छात्र इस नियम के खिलाफ लखनऊ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दिया था। जिस पर हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए यूनिवर्सिटी के इस नियम पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। साथ ही हाईकोर्ट ने इस नियम को वापस लेने को कहा था। जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।

यूजी में समाप्त हो चुका है नियम

यूनिवर्सिटी के सूत्रों के अनुसार यह नियम यूनिवर्सिटी प्रशासन पीजी कोर्स में एंट्रेंस एग्जाम लागू होने के साथ ही इसे समाप्त कर देगा। अभी तक 80 और 20 प्रतिशत का नियम मेरिट के आधार पर होने वाले एडमिशन प्रक्रिया पर लागू है। सेशन 2016-17 में यूजी में एंट्रेंस एग्जाम लागू होने के बाद यूजी में इसे समाप्त कर दिया गया था। इस साल पीजी में यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम लागू कर इस नियम को समाप्त करने की तैयारी है।

एडमिशन कमेटी की बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। दोनों कोर्सेस में एंट्रेंस एग्जाम से ही एडमिशन होंगे। उसी दौरान इस नियमों को भी समाप्त करने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी।

प्रो। एसपी सिंह, वीसी एलयू