- पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया पूरी न होने के से नहीं मिलेगी फेलोशिप

- मार्च 2018 तक ही जेआरएफ स्टूडेंट्स को एडमिशन का मौका

LUCKNOW: एलयू प्रशासन की लापरवाही के चलते जेआरएफ क्वॉलीफाई करने वाले स्टूडेंट्स की फेलोशिप फंसने के कगार पर पहुंच गई है। गौरतलब है कि यूजीसी जेआरएफ पास स्टूडेंट्स को हर माह तीस हजार रुपये फेलोशिप देता है। लेकिन यह राशि उसे तभी मिलती है, जब वह दो साल के अंदर कहीं पीएचडी में एडमिशन ले लेता है। एलयू से कई स्टूडेंट्स ने जेआरएफ क्वॉलीफाई किया है। उनके सर्टिफिकेट की मियाद अगले साल मार्च में खत्म हो रही है। पिछले साल सर्टिफिकेट न आने से उन्हें एडमिशन नहीं मिला और इस साल भी कुछ ऐसे ही हालात सामने आ रहे हैं। ऐसे में इन स्टूडेंट्स की फेलोशिप डूबने की कगार पर पहुंच गई है। इस मामले में कई छात्रों ने प्रो। एसपी सिंह को ज्ञापन देकर जल्द से जल्द पीएचडी में एडमिशन दिलाए जाने की मांग की है।

एडमिशन नहीं तो फेलोशिप नहीं

एलयू के स्टूडेंट रहे देव अमर सिंह ने बताया कि मार्च में मेरी जेआरएफ पाने के लिए एडमिशन की मियाद पूरी हो जाएगी। ऐसे में अगर मार्च तक मेरा पीएचडी में एडमिशन नहीं हुआ तो मुझे और मेरे जैसे कई स्टूडेंट्स को कभी जेआरएफ की फेलोशिप नहीं मिलेगी। यहां तक कि कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिनकी जेआरएफ में शामिल होने की आयु 28 साल है जो की पूरी हो चुकी है। ऐसे में वह दोबारा से जेआरएफ का एग्जाम नहीं दे सकते हैं। वहीं दिलेश्वर सिंह ने बताया कि वह एमफिल पूरा कर चुके हैं। पीएचडी में एडमिशन होना है। जब तक पीएचडी में एडमिशन नहीं होगा तब तक की मेरी फेलोशिप नहीं मिलेगी। मनोज ने बताया कि अगर एक-दो दिन में एलयू कोई हल नहीं निकालता है तो हम राजभवन जाने को मजबूर होंगे। पीएचडी के एडमिशन भी राजभवन के स्तर पर ही रुके हैं। एलयू ने ऑर्डिनेंस भेज दिया है लेकिन राजभवन से हरी झंडी अब तक नहीं मिली है।

कोट

कई स्टूडेंट्स इस समस्या को लेकर आए हैं, हम उनकी समस्याओं के लिए काफी गंभीर हैं। पर राजभवन से ऑर्डिनेंस की मंजूरी के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है।

प्रो। एसपी सिंह, वीसी एलयू