-लखनऊ क्राइम ब्रांच के पुनर्गठन का मामला

-तीन दिन बाद भी नहीं हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक

-12 फरवरी तक एसएसपी को सौंपनी है रिपोर्ट

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW: राजधानी में बढ़ती क्राइम की घटनाएं और अनसुलझी वारदातों की लिस्ट में हर रोज हो रहे इजाफे के बावजूद लखनऊ पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। संगीन वारदातों के खुलासे में लगातार नाकाम साबित हो रही क्राइम ब्रांच को भंग करने के बावजूद एसपी क्राइम के कान पर जूं नहीं रेंग रही। आलम यह है कि क्राइम ब्रांच गठन के लिये बनाई स्क्रीनिंग कमेटी की अब तक बैठक नहीं हो सकी है। यह हाल तब है जब शुक्रवार रात डीजीपी ने एसपी क्राइम को उनके निराशाजनक परफॉरमेंस पर जमकर फटकार लगाई थी।

12 फरवरी तक सौंपनी है रिपोर्ट

एसएसपी राजेश पांडेय ने बीती 3 फरवरी को लखनऊ क्राइम ब्रांच को भंग कर दिया था। इसके तहत क्राइम ब्रांच की सर्विलांस सेल में तैनात कर्मियों के अलावा बाकी बचे अन्य को थानों में पोस्टिंग कर दी थी। क्राइम ब्रांच के पुनर्गठन के लिये एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया। एसपी क्राइम ज्ञानप्रकाश चतुर्वेदी के नेतृत्व में गठित कमेटी में उनके अलावा एसपी ट्रांसगोमती जयप्रकाश और सीओ गाजीपुर दिनेश पुरी को नियुक्त किया गया था। कमेटी को टास्क दिया गया कि इसके मेंबर्स क्राइम पर काम करने वाले और अपराधियों के बारे में इंटेलीजेंस एकत्रित करने में रुचि रखने वाले पुलिसकर्मियों से एप्लीकेशन प्राप्त करें और स्क्रीनिंग के बाद 12 फरवरी तक चयनित पुलिसकर्मियों की लिस्ट बनाकर एसएसपी को सौंपे।

आदेश रख दिया ताक पर

आदेश उसी रात एसपी क्राइम ज्ञानप्रकाश चतुर्वेदी, एसपी टीजी जयप्रकाश और सीओ गाजीपुर दिनेश कुमार पुरी को भेज भी दिया। पर, तीन दिन बीतने के बावजूद अब तक इस कमेटी की एक भी बैठक नहीं बुलाई। नतीजतन, क्राइम ब्रांच के पुनर्गठन का काम ठप पड़ा हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच में तैनाती चाहने वाले पुलिसकर्मी हर रोज क्राइम ब्रांच के चक्कर काट रहे हैं लेकिन, उनकी एप्लीकेशन लेने वाला भी कोई नहीं है। वहीं, अनसुलझी संगीन वारदातों की लिस्ट अब भी अपने अंजाम तक पहुंचने का इंतजार कर रही है।

डीजीपी ने लगाई थी फटकार

अनसुलझी वारदातों के खुलासे में लगातार मिल रही नाकामी से नाराज डीजीपी जावीद अहमद ने शुक्रवार रात आईजी ए सतीश गणेश, डीआईजी डीके चौधरी, एसएसपी राजेश पांडेय, एसपी क्राइम ज्ञानप्रकाश चतुर्वेदी और राजधानी के सभी एसपी को उनके एरिया में घटी संगीन वारदातों व उनकी स्टेटस रिपोर्ट के साथ तलब किया था। इस मीटिंग में डीजीपी ने एसपी क्राइम से पूछा कि उनकी टीम ने अब तक किन-किन संगीन वारदातों को वर्कआउट किया। एसपी क्राइम ने माल में हुए डबल मर्डर के खुलासे का क्रेडिट लेना चाहा तो एसपी आरए मनोज सोनकर ने कहा कि वह घटना लोकल पुलिस ने खोली थी। इसी तरह लखनऊ वेस्ट की एक घटना के खुलासे का दावा किया तो एसपी वेस्ट ने उसका विरोध करते हुए डीजीपी को बताया कि उस घटना को भी लोकल पुलिस ने खोला था। दो दावों पर क्लीनबोल्ड एसपी क्राइम से डीजीपी ने अनवर्कऑउट वारदातों के बारे में पूछा। सूत्रों के मुताबिक, डीजीपी के इस सवाल का उत्तर न मिलने पर डीजीपी ने जमकर क्लास लगाई।