महोत्सव के समापन अवसर पर पहुंचे राज्यपाल रामनाईक

LUCKNOW :

लखनऊ महोत्सव के रंगारंग समापन के मौके पर मुख्यातिथि के रूप में राज्यपाल राम नाइक मौजूद रहे। इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक ने कहा की मुझे बहुत खुशी है कि मैं महोत्सव के समापन अवसर पर आया हूं। यह मेरे लिए राज्यपाल बनने के बाद तीसरा मौका है। महोत्सव का डंका अब लखनऊ ही नही देश के कोने-कोने में बज रहा है.यहां गीत- संगीत संग नृत्य जैसे बेहतरीन हुनर देखने को मिलते हैं।

आग लगने की घटना से थोडा मन विचलित हुआ लेकिन प्रशासन की और से उनको मुआवजा दिया गया वो बहुत ही अच्छा कदम है। नोट बंदी के बारे में उन्होंने कहा कि नोट बंदी से बड़ों-बड़ों को नुक्सान हुआ है हालांकि महोत्सव पर उसका असर नहीं हुआ.मुझे बताया गया कि इस बार यहां हर बार की अपेक्षा दुकानें ज्यादा हैं। टिकट बिक्री भी लाखों में हुई। इस बार महोत्सव में इलेक्शन कमीशन की ओर से लगे स्टाल ने लोगों को जागरूक किया। ये बहुत ही अच्छा काम है। वोट जिसको देना है उसको दें मगर वोट जरूर करें। ज्यादा मतदान करना लोकतंत्र के लिए फायदेमंद है। मैं आपसे अपील करता हूं की मतदान जरूर करें। इस बार का महोत्सव समापन करते हुए हम उम्मीद करते हैं कि अगली बार महोत्सव इससे अच्छा होगा।

11 दिसंबर तक बढ़ा महोत्सव

राज्यपाल ने बताया कि महोत्सव का भले ही औपचारिक समापन हो गया है लेकिन स्टॉल 11 दिसंबर तक लगेंगे। वही कमिश्नर भुनेश्वर कुमार ने कहा महोत्सव में कई ख्याति प्राप्त कलाकारों के प्रोग्राम के साथ स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान किया गया। इस बार इसे अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रेजेंट किया गया। इसे सफल बनाने के लिए सभी ने मेहनत की। किसी एक की मेहनत से यह संभव नहीं था.इस मौके पर मधु श्रीवास्तव को विरासत और विकास थीम के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा संदीप भार्गव द्वारा सम्पादित वीरबल की संगिनी उर्मिला पत्रिका का लोकार्पण किया गया। समापन अवसर पर जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह, एसएसपी मंजिल सैनी, एसडीएम निधि श्रीवास्तव, एसडीएम सदर राज कंवल, ट्रैफिक एसएसपी हबीबुल हसन, साहित्यकार योगेश प्रवीण, डीआईजी प्रवीण कुमार, दिनेश सहगल, दिनेश गर्ग पर्यटन अधिकारी आरपी यादव समेत कई लोग मौजूद रहे।

पीडि़त दुकादारो को मिला मुआवजा

राज्यपाल राम नाईक ने महोत्सव स्थल पर लगी भीषण आग की जद में आई दुकानों के मालिक को 2,5000 रुपये मुआवजे के रूप में दिए।

अंतिम दिन सजी सुरों की महफिल

लखनऊ महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतिम दिन मशहूर पियानों प्लेयर ब्रायन साइलेस ने अपने पियानों से एक के बाद एक धुनें निकाल कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपनी मदहोश कर देने वाली धुनों से लोगों कामनोरंजन किया। इसके बाद उन्होंने आ चल के तुझे मैं दिखलाऊं गाने की धुन छेड़ी और अंत में लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो गाकर महोत्सव की अंतिम संध्या को यादगार बना दिया। गायिका अनुपमा राग ने मंच पर अपने सुरो की महफिल सजायी। उन्होंने अपने एल्बम का सुपरहिट सांग लाल दुपट्टा कुर्ता चिकन का गाया तो लोगो ने तालियों से उनका स्वागत किया। इसके बाद देश-विदेश बैंड के कलाकारों ने अपनी परफॉर्मेन्स से लोगों का दिल जीत लिया। वही सूफी गायक जमील अहमद ने मैं किस मिटटी का हूं यारो, सांसों की माला व तेरी दीवानी गाकर लोगों की खूब वाहवाही लूटी।

जो दिल को पसंद है वही बजाता हूँ

जाने माने पियानो प्लेयर ब्रायन साईलेस ने कहा कि मैं कोई स्पेशल गार्न की धुन नहीं बजाता। जो दिल को अच्छा लगता है वो ही धुन बजाता हूं। उन्होंने कहा कि मेरा ख्वाब है कि स्टेज पर 20-25 पियानो के साथ प्रस्तुति दूं मगर, अभी तक मेरा ये ख्वाब पूरा नहीं हुआ है इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुझे पुराने गाने ही पसंद है। ऐसा नही है कि नए गाने अच्छे नहीं होते बस पुराने गाने दिल को बहुत अच्छे लगते है। उन्होंने बताया कि मैंने 35 साल की उम्र में बजाना शुरू किया था। सब कुदरत का दिया है मैंने कभी सीखा नहीं।