- बैक पेपर में परीक्षा विभाग की वेबसाइट होने के बाद कश्मकश में एलयू

- फॉर्म भरवाने की ऑफलाइन व्यवस्था पर किया जा रहा है विचार

- साइट हैक होने से प्रभावित हुई थी पहले दिन की बैक पेपर परीक्षा

shyamchandra.singh@inext.co.in

LUCKNOW :

एलयू में ऑनलाइन फॉर्म भरवाने का सिस्टम एक बार फिर ऑफ लाइन मोड में जा सकता है। बैक और इम्प्रूवमेंट पेपर के पहले दिन यूनिवर्सिटी के एग्जाम डिपार्टमेंट की साइट से सारा डाटा गायब हो गया। नतीजतन, फॉर्म की सही संख्या का पता नहीं चला और सेंटर्स पर पेपर कम पहुंचे। कई जगह पेपर देरी से शुरू हुआ। विभाग की वेबसाइट हैक होने के चलते यूनिवर्सिटी अब एक बार फिर से पुरानी ऑफलाइन व्यवस्था लागू करने पर विचार कर रही है।

पूरी वेबसाइट ही हुई ठप

यूनिवर्सिटी के सूत्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी का एग्जाम विभाग की ओर से ऑनलाइन फॉर्म भरवाने के लिए बनाए गए वेबसाइट lu-exam.in को पूरी तरह से ठप कर दिया। जिस कारण से यूनिवर्सिटी को आखिरी दिनों में बैक व इम्प्रूवमेंट के फॉर्म का डाटा मिलना नहीं हो सका। वेबसाइट ठप होने के बाद यूनिवर्सिटी को आनन-फानन में ऑफलाइन प्रक्रिया का यूज कर फॉर्म का डाटा तैयार करना पड़ा। इस प्रक्रिया में यूनिवर्सिटी को एग्जाम शुरू होने से पहले खामियाजा उठाना पड़ा।

हैकर ने चुराया पूरा डाटा

सूत्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से हैकर्स ने स्टूडेंट्स का पूरा डाटा चुरा लिया है। ताकि इसका यूज कोचिंग सेंटर्स को बेचने के लिए प्रयोग किया जा सके। सूत्रों का कहना है कि एग्जाम डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे, जिसका फायदा हैकर्स ने उठाया है। यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स का डाटा बेचे जाने का खेल कोई नया नहीं है। पिछले सालों में भी यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों के मिली भगत से कोचिंग संस्थान डाटा की खरीद फरोख्त करते आए हैं.

पुरानी व्यवस्था पर कर रही विचार

यूनिवर्सिटी के एग्जाम कंट्रोलर एसके शुक्ला वेबसाइट पर आई प्रॉब्लम को देखते हुए दोबारा से फॉर्म भरवाने की पुरानी व्यवस्था पर ही विचार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर सब कुछ ठीक नहीं रहा तो फाइनल एग्जाम के लिए एग्जाम फॉर्म की प्रक्रिया एक बार फिर से ऑफलाइन मोड में कराई जा सकती है। उनका कहना है कि इस बैक व इम्प्रॅूवमेंट के आवेदन फॉर्म ऑनलाइन इसलिए किए गए थे ताकि स्टूडेंट्स को कम प्रॉब्लम हो.

एकेटीयू में सामने आया था खेल

स्टूडेंट्स का डाटा बेचने का खेल केवल लखनऊ यूनिवर्सिटी में ही बल्कि डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) में इसी साल सामने आ चुका है। जिसमें एसईई में शामिल स्टूडेंट्स का डाटा सभी कॉलेजों को एक-एक लाख रुपए में बेचने का मामला प्रकाश में आया था। जिस कारण से एकेटीयू को अपनी काउंसिलिंग प्रक्रिया में कुछ बदलाव तक करने पड़े थे। इसका असर यह हुआ था एकेटीयू की पूरी काउंसिलिंग प्रक्रिया फ्लॉप हो गई थी।

कोट

मामल अभी मेरे संज्ञान में नहीं है। वेबसाइट में कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम की बात समाने आई थी। जिसे सही करा लिया गया था। अगर ऐसा कुछ है तो इसकी जांच की जाएगी।

प्रो। एसबी निमसे, वीसी, लखनऊ यूनिवर्सिटी