- छात्र बरते संयम, लखनऊ यूनिवर्सिटी याद दिला रही है पुराने नियम

- अराजकता के माहौल को बदलने के लिए एलयू प्रशासन ने उठाया कदम

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन अराजकता को रोकने के लिए छात्रों को पुराने नियमों का भय दिखा रहा है। उपद्रवी छात्रों पर अंकुश लगाने के लिए एलयू पुराने नियमों के तहत ऐसे स्टूडेंट्स को कैरेक्टर सर्टिफिकेट नहीं देगा, जिन पर किसी भी तरह का कोई आरोप हो। नियमों के अनुसार जिन छात्रों को नोटिस दिए जाने के साथ अर्थदंड लगाया जाता है तो उनको चरित्र प्रमाण पत्र नहीं जारी किया जाएगा।

दस रुपए लगा था अर्थदंड

एलयू की चीफ प्राक्टर प्रो। निशी पांडेय ने बताया कि 1983 में एक छात्र का चयन गर्वनमेंट जॉब के लिए हुआ था। उस जॉब के लिए उसे एलयू के प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ी, लेकिन नियमों के चलते उसका प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सका। उन पर प्राक्टोरियल बोर्ड ने दस रुपए का अर्थदंड लगा दिया था। इस पर प्राक्टर आफिस ने चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने से मना कर दिया। तत्कालीन वीसी ने भी चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने से इंकार कर दिया। इससे उस छात्र को जॉब से हाथ धोना पड़ा।

छात्रों को दी जा रही है नोटिस

पुराने नियमों का अब एलयू प्रशासन कड़ाई से पालन करवाने का मन बना चुका है। इसके लिए आरोपी छात्रों को नोटिस जारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि सुभाष हॉस्टल में निलम्बित किए गए छात्रों को बहाल तो कर दिया गया, लेकिन उन्हें दरवाजा टूटने पर 500 रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। दोबारा से ऐसी गतिविधि न हो, इसके लिए सख्त हिदायत दी गई है। चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि किसी भी सूरत में अराजकता नहीं होने दी जाएगी। उपद्रवी छात्रों को नोटिस दिया जा रहा है और इसके साथ ही उन छात्रों पर अर्थदंड भी लगाया जा रहा है।