- यूनिवर्सिटी ने अभी तक एमए एजुकेशन का कोर्स ही तैयार नहीं किया

BAREILLY: एमए एजुकेशन की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को इस वर्ष भी निराशा ही हाथ लगेगी। इस वर्ष भी यह कोर्स शुरू नहीं हो पाएगा। काफी समय से कॉलेजेज में एमए एजुकेशन कोर्स स्टार्ट करने की मांग उठती रही है। बीसीबी ने भी इस संबंध में कार्रवाई के लिए फाइल आगे बढ़ाई थी, लेकिन उस फाइल अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया। यहां तक कि बीसीबी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी कि यदि एमए एजुकेशन कोर्स को मान्यता मिली तो कोर्स स्टार्ट करने में ज्यादा देरी न हो। लेकिन बीसीबी की भी यह कवायद धरी की धरी ही रह गई।

स्टूडेंट्स की काफी है डिमांड

एमए एजुकेशन की काफी डिमांड है। इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स को टीचिंग में आसानी से जॉब मिल जाती है। वैसे स्टूडेंट्स बीएड और उसके बाद एमएड करते हैं, लेकिन एमए एजुकेशन के लिए बीएड करने की आवश्यकता नहीं होती और इस कोर्स को एमएड के बराबर मान्यता दी गई है। स्टेट के चुनिंदा यूनिवर्सिटी ही हैं जो एम एजुकेशन कोर्स संचालित करते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को उन यूनिवर्सिटी के कॉलेज में पढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन कुछ ही को एडमिशन मिल पाता है। ऐसे में आरयू में भी एम एजुकेशन कोर्स स्टार्ट करने की डिमांड काफी समय से की जा रही थी।

यूनिवर्सिटी ने कोर्स ही तैयार नहीं किया

दरअसल, एमए एजुकेशन कोर्स को स्टार्ट करने के लिए यूनिवर्सिटी ने शुरुआती कदम ही नहीं उठाए हैं। यूनिवर्सिटी ने अभी तक इसका सिलेबस ही तैयार नहीं किया है। बिना सिलेबस की संरचना के कोर्स स्टार्ट करने की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। इसके लिए आरयू को अपने ऑर्डिनेंस में भी बदलाव करना पड़ता है। लेकिन आरयू की हीलाहवाली के चलते कोर्स को लेकर कोई भी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई।

एमएससी बायोटेक्नोलॉजी का भी यही हाल

यही नहीं एमएससी बायोटेक्नोलॉजी का भी यही हाल है। आरयू ने बीएससी बायोटेक्नोलॉजी का सिलेबस तो तैयार कर दिया है लेकिन काफी प्रयास के बाद भी एमएससी बायोटेक्नोलॉजी सिलेबस तैयार नहीं कर पाया। बीसीबी में बीएससी बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई होती है। लेकिन यह कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स यहां से एमएससी बायोटेक्नोलॉजी नहीं कर पाते। इसके लिए स्टूडेंट्स को दूसरे यनिवर्सिटी का रुख करना पड़ता है।