सुरक्षा के लिए सेना तैनात

हंदवाड़ा में मां भद्रकाली की मूर्ति को मंदिर में फिर से स्थापित कर दिया गया है. बता दें कि इसे स्थापित करने में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स की मदद ली गई है. जानकारी के मुताबिक इस मंदिर की सुरक्षा में सेना के जवान तैनात रहेंगे। बताया जाता है कि मंदिर की स्थापना साल 1891 में कराई गई थी, लेकिन साल 1981 में रहस्यमय तरीके से मंदिर के इस मूर्ती को चुरा ली गई, जिसे साल 1983 में खोज निकाला गया।

भद्रकाली मंदिर में प्रतिष्ठापित कराने का अनुरोध

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंडित भूषण लाल ने अक्तूबर 2017 में सेना के सात सेक्टर राष्ट्रीय राइफल के बिग्रेडियर डीआर राय से मुलाकात की थी और उनसे इस मूर्ति को दोबारा भद्रकाली मंदिर में पुर्नस्थापित कराने का अनुरोध किया। बिग्रेडियर ने इस मामले में पंडित भूषण लाल की मदद की और रविवार को पहले नवरात्र को मूर्ति मंदिर में पुर्नस्थापित कर दी गई।

36 साल बाद सवा सौ साल मूर्ति को मिली जगह

ब्रिगेडियर ने इस मामले में बातचीत करते हुए कहा कि करीब 36 साल बाद मां की इतनी पुरानी मूर्ति को सही जगह मिली है। मंदिर और मूर्ति की सुरक्षा के लिए जवान तैनात रहेंगे। इस मंदिर के स्थापना के पीछे यह कहानी बताई जाती है कि एक बार हंदवाड़ा के रहने वाले सरवा वायू नाम के एक व्यक्ति को माता ने सपने में दर्शन दिया था और उन्हें बताया कि खान्यार के पास एक गुफा में माता की मूर्ति है। इसके बाद उन्होंने उस मूर्ति को गुफा से निकालकर हंदवाड़ा में मंदिर की स्थापना करायी।

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