दूध-मलाई और कसरत से किया रियाज, पिता की देखरेख में जमकर बहाया पसीना

ALLAHABAD: भारतीय संस्कृति की प्राचीनता व परंपरा समाहित करने वाली दारागंज की रामलीला भव्यता का तड़का भी लगाती है। कमेटी के प्रख्यात मां काली का प्राकट्य देखने के लिए लोग दूरदराज के क्षेत्रों से आते हैं। यही वजह है कि पहली बार मां काली की भूमिका निभाने जा रहे राम मिश्रा न केवल मां काली का पैंतरा दिखाने को उत्साहित हैं बल्कि इसके लिए डेढ़ महीने तक अपने पिता राकेश मिश्रा उर्फ पप्पी गुरु की देखरेख में दूध-मलाई सहित खानपान की कई चीजों से लेकर कसरत तक जमकर रियाज भी किया है।

डेढ़ माह में खुद पर 30 हजार खर्च

आम दिनों में मीरा गली निवासी 25 वर्षीय राम मिश्रा संगम नोज पर पुरोहित का काम करते हैं। इस बार आडिशन के बाद कमेटी ने उनका चुनाव मां काली की भूमिका के लिए किया। चयन के बाद डेढ़ महीने तक उन्होंने खानपान पर विशेष ध्यान दिया। राम मिश्रा रोज 2.5 लीटर दूध व 250 ग्राम मलाई का सेवन करते रहे। साथ ही पोश्ता का दाना, सेब, चना, महुआ का दूध, बादाम, देशी घी, मूंग की दाल व दो रोटी खाकर ट्रेनिंग भी करते थे। दारागंज रेलवे स्टेशन के नीचे पिता राकेश मिश्रा की देखरेख में प्रतिदिन मां काली का मुकुट लगाकर दस किमी की रनिंग तो चाचा बृजेश मिश्रा की अगुवाई में रघुबर दास व्यायामशाला में जमकर कसरत किया।

रविवार से शुरू होगा काली प्राकट्य

श्री दारागंज रामलीला कमेटी की ओर से प्रख्यात मां काली का प्राकट्य रविवार से शुरू हो रहा है। यह तीन दिनों तक दारागंज की गलियों में चलता रहेगा। इसका मुख्य आकर्षण यह है कि मां का मुकुट दस किग्रा का है। जो भूमिका निभाने वाले राम मिश्रा पहनेंगे। इसके अलावा एक हाथ में भुजाली और दूसरे हाथ में खप्पर यानि भैरो का सिर लेकर चलेंगे।