बीएचयू में बनाया गया है खास डिवाइस जो डेढ़ मीटर दूर से ही नाप लेगा दिल की धड़कन

-इण्डो-कोरिया परियोजना के तहत तीन साल में तैयार हुआ डिवाइस

VARANASI

दिल के बीमारों के लिए यह खबर खास है। अब उनके दिल का हाल दूर से ही पता किया जा सकेगा। बीएचयू में एक ऐसा डिवाइस तैयार किया गया है जिसे बिना पेशेंट की बॉडी से अटैच किए उसके दिल की धड़कनों हिसाब लिया जा सकता है। अब तक हार्ट पेशेंट्स का परीक्षण ईसीजी मशीन के जरिए किया जाता रहा है। मशीन तक उन्हें ले आने में परेशानी के साथ काफी समय बर्बाद होता है। नई डिवाइस से इस तरह की समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

बहुत खास है यह डिवाइस

हार्ट पेशेंट्स के लिए तैयार खास डिवाइस को इण्डो-कोरिया परियोजना के तहत बीएचयू के अंतरविषयी गणितीय विज्ञान केन्द्र में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। मनोज कुमार सिंह , समन्वयक प्रो। उमेश सिंह और ग्वांगजू इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एण्ड टेक्नालॉजी, साउथ कोरिया के रिसर्च असिस्टेंट आशीष कुमार ने विकसित किया है। प्रो। मनोज बताते हैं कि मरीज के डेढ़ मीटर दूरी से बिना शरीर के सम्पर्क और कपड़ा उतारे ही उसके हृदय की गतिविधि का सटीक परीक्षण कर सकता है। प्राकृतिक आपदा अथवा दुर्घटना में घायल मरीजों के पास जाकर दूर से ही इस उपकरण से हृदय की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। दुर्घटना, जलने व अन्य संक्रमण के शिकार मरीजों का भी आसानी से परीक्षण हो सकता है। इस मशीन को एक चिप के रूप में विकसित कर इसे मोबाईल के सिम के आकार का बनाने की कोशिश की जा रही है। ताकि इसे मोबाइल में लगाकर हृदय की गतिविधि का पता लगाया जा सके।

लग गए तीन साल

प्रो। मनोज बताते हैं कि ख्0क्ख् में डिवाइस पर रिसर्च कार्य शुरू हुआ और मार्च ख्0क्भ् में परियोजना सम्पन्न हुई। उन्होंने बताया कि यह डिवाइस उपकरण 'माइक्रोवेव राडार' के जरिए शरीर को स्पर्श किए बिना तरंगों के माध्यम से हृदय की स्थिति का पता लगाया है। इसके जरिए हृदय की धड़कन, आरआर इण्टरनल, क्यूआरएक्स कॉम्पलेक्स सम्बन्धी सूचना प्राप्त की जा सकती है। यह उपकरण माइक्रोवेव के डापलर प्रभाव के सिद्धान्त पर आधारित है। उपकरण की लागत ढाई सौ रुपये तक होने की संभावना है।