ऐसा रहा अंतर्रराष्ट्रीय करियर

20 मार्च 1951 को पंजाब में जन्में मदन लाल का क्रिकेटिंग करियर काफी हैरान करने वाला है। मदन ने साल 1974 में बतौर ऑलराउंडर भारतीय टीम में एंट्री की थी। उन्होंने मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट खेला था। करीब 13 साल तक वह भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे। इस दौरान मदन लाल ने 39 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 22.65 की औसत से 1042 रन बनाए। इसमें 5 अर्धशतक भी शामिल हैं। वहीं एकदिवसीय मैचों की बात करें तो उनके खाते में 67 मैच आए जिसमें उन्होंने 19.09 की औसत से सिर्फ 401 रन बनाए। जिसमें सिर्फ एक अर्धशतक शामिल है। मदन ने अपने पूरे करियर में टेस्ट और वनडे मिलाकर कुल 106 इंटरनेशनल मैच खेले, मगर कभी वह शतक नहीं लगा पाए। हालांकि यह आंकड़ा तब और हैरान करता है जब फर्स्ट-क्लॉस क्रिकेट में उनके नाम 10 हजार से ज्यादा रन दर्ज हैं।

फर्स्ट-क्लॉस क्रिकेट में रही है बादशाहत

इंटरनेशनल क्रिकेट में मदन लाल को भले ही कोई पहचान न मिल हो। मगर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने रनों का पहाड़ खड़ा किया है। मदन ने 232 फर्स्ट-क्लॉस मैच खेले जिसमें उनके नाम 42.87 की औसत से 10,204 रन दर्ज हैं। और 22 शतक और 50 अर्धशतक भी लगाए हैं। वहीं गेंदबाजी की बात करें तो उन्होंने 625 विकेट चटकाए हैं।

संन्यास लेने के बाद बने कोच

मदन लाल ने साल 1987 में अंतर्रराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। वहीं 4 साल बाद वह फर्स्ट-क्लॉस क्रिकेट से भी दूर हो गए। हालांकि उन्होंने क्रिकेट से दूरी नहीं बनाई। 1996 क्रिकेट वर्ल्ड कप में मदन लाल ने यूएई टीम को कोचिंग दी थी। इसके बाद 1996 में उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का भी कोच बनाया गया। इस पद पर वह करीब 3 साल रहे।

सेलेक्शन कमेटी से भी जुड़े रहे

पहले क्रिकेटर फिर कोच बनने के बाद मदन लाल ने सेलेक्शन कमेटी में अपना रास्ता बना लिया। सन 2000 में करीब 2 साल तक वह भारतीय क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों का चयन करते थे। उनके कुछ फैसलों का विरोध भी हुआ।

एक्टिंग में भी आजमाया हाथ

अजय जडेजा और विनोद कांबली की तरह क्रिकेटर मदन लाल ने भी एक्टिंग में अपना करियर बनाने के बारे में सोचा। अप्रैल 2013 में मदन एक क्राइम सीरियल में नजर आए थे। हालांकि वह एक्टिंग की दुनिया में ज्यादा लंबे वक्त तक नहीं टिके।

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