आंखे मिलने से लोग गुस्से में

क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आप भी दुनिया से जाने से पहले आंखे दान करने की बात।  आपने सोचा तो अच्छा है लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं कि उनसे कोई दुनिया देखेगा, क्योंकि जैसा लापरवाही मामला मध्यप्रदेश सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जेएएच के में सामने आया उससे तो यही लगता है।  जी हां मध्यप्रदेश के इस सरकारी अस्पताल में कचरे में दान की आंखे मिलने से लोग काफी गुस्से में हैं। ग्वालियर निवासी किशन गंभीर की मां की आंखों के साथ हुए इस खिलवाड़ से वह और उनका परिवार आक्रोश में है।  वहीं स्वास्थ्य विभाग पर भी लोगों का गुस्सा निकल रहा है।  हालांकि इस मामले में संभागायुक्त केके खरे ने नेत्र विभाग के अध्यक्ष डा।  यूसी तिवारी सहित तीन को निलंबित किया हैं।

परिजन आंखे वापस मांग रहे

इस घटना के बाद से जिन और लोगों ने आंखे दान हैं उनके परिजन आंखे वापस मांग रहे हैं।  लोगों का कहना है कि जब इन आंखों से अस्पताल में ये लापरवाही हो रही है तो यहां रखने का कोई फायदा नही हैं।  इसके अलावा कई लोग तो अब उस अस्पताल में आंखे दान करने का सख्त विरोध कर रहे हैं।  वहीं पीड़ित किशन का कहना है कि उनकी मां की आंखें दान करने की गहरी इच्छा थी।  जिससे उन्होंने मरणोपरांत यह नेक काम किया।  इसके साथ ही वह और उनका परिवार खुश था कि मां का अंश दुनिया में मौजूद हैं, लेकिन अब तो वह दोबारा मां का श्राद्ध करने जा रहे हैं।

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