-संतकबीर नगर जिले की कोर्ट में हुआ था उपस्थित

-गोरखपुर पुलिस ने जारी किया था 25 हजार रुपए का इनाम

GORAKHPUR:

गोरखपुर पुलिस के डर से माफिया विनोद उपाध्याय ने मंगलवार को सरेंडर कर दिया। संतकबीर नगर जिले के एक मुकदमें में उसने वारंट री-काल की अर्जी दी। अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने उसे 14 दिनों के रिमांड पर जेल भेज दिया। उसके जेल जाने की सूचना से गोरखपुर पुलिस मनमसोस कर रह गई। एक पखवारे से गोरखपुर पुलिस 25 हजार के इनामी बदमाश की सरगर्मी से तलाश कर रही थी। उसकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया था। लेकिन माफिया ने एक झटके में सबको चकरघिन्नी कर दिया। संतकबीर नगर जिले के एसपी हेमराज मीणा ने विनोद उपाध्याय के जेल जाने की पुष्टि कर दी है।

कोर्ट से जारी था गैर जमानती वारंट

संतकबीर नगर जिले के बखिरा थाना में 2005 में गैंगेस्टर एक्ट का एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मुकदमे में शाहपुर एरिया के आम बाजार, बशारतपुर मोहल्ले का विनोद उपाध्याय और खजनी के बखरा निवासी प्रभाकर द्विवेदी को मुल्जिम बनाया गया था। इस मुकदमे की विवेचना दुधरा थाना की पुलिस ने की। 2012 में मुकदमे का ट्रायल शुरू होने पर कोर्ट ने विनोद उपाध्याय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। वह 2015 से कोर्ट के आदेश की अवहेलना करता रहा। उधर, गोरखपुर जिले के कैंट थाना में दर्ज एक मुकदमे पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

चार दिन पूर्व हुआ था 25 हजारी

गोरखपुर पुलिस ने फरार चल रहे माफिया विनोद उपाध्याय के खिलाफ 13 अक्टूबर को 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया। उसकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई। विनोद की तलाश में पुलिस उसके घर भी पहुंचीं थी। उसने गोरखपुर में सरेंडर करने की योजना बनाई तो पुलिस को भनक लग गई। पुलिस की सक्रियता से माफिया को एनकाउंटर डर सताने लगा। इसलिए उसने पुराने मामले में सरेंडर करने की योजना को अंजाम दिया। पहले से की गई तैयारी के आधार पर मंगलवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम की अदालत में उसने सरेंडर कर दिया। न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। विनोद उपाध्याय के सरेंडर करने की सूचना से खलबली मच गई।

शातिर की हत्या में आया था नाम

नेपाल के भैरहवा का जीत नारायण मिश्र गोरखपुर का शातिर बदमाश था। बखिरा थाना क्षेत्र के फेउसी में उसके बहन की शादी गोरेलाल से हुई। जीत नारायण और विनोद उपाध्याय के बीच किसी बात को लेकर अदावत थी। बस्ती जेल में बंद जीत नारायण सात अगस्त 2005 को जमानत पर छूटकर बाहर आया। बहन की ससुराल के पास पहुंचा। तभी कार सवार दो बदमाशों ने उसे गोली मार दी। गोली लगने से जीत नारायण की मौत हो गई। उसका बहनोई गोरेलाल घायल हो गया। गोरेलाल ने बखिरा थाना में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज कराया। विवेचना में विनोद उपाध्याय सहित दो लोगों का नाम प्रकाश में आया। हत्या की साजिश रचने में संजय सिंह, संजीव राय, शिवचरन, सत्यव्रत उर्फ छोटे राय और देवरिया के ब्रजभूषण त्रिपाठी का नाम शामिल किया। उसी मामले में 12 सितंबर 2005 को विनोद उपाध्याय और प्रभाकर द्विवेदी के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था।