- मैगी को लेकर देश भर में चल रही सैम्पलिंग के बाद बनारस से भी लिए जा चुके हैं आठ सैंपल, भेजे गए हैं जांच को

- बनारस में भी मैगी साबित हो चुकी है कई लोगों के लिए खतरनाक, इसके ज्यादा यूज को डॉक्टर मानते हैं डैंजरस

VARANASI:

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चौकाघाट में रहने वाले एक परिवार के लिए मैगी बहुत मनहूस है क्योंकि इसने उनके घर की खुशी यानि क्ब् साल की बच्ची को उनसे दूर कर दिया। मैगी की शौकीन बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ी और जांच के बाद उसका ऑपरेशन करना पड़ा। पेट के ऑपरेशन में बच्ची के पेट से मैगी के लच्छे निकले। जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ती गई और उसने दम तोड़ दिया।

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लहुराबीर के रहने वाले क्भ् साल के स्टूडेंट के मम्मी-पापा बाहर गए थे। घर पर अकेला होने के कारण स्टूडेंट ने कई दिनों तक मैगी खाई जिससे उसकी तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई। जांच हुई तो डॉक्टर ने मैगी से तुरंत दूर होने की हिदायत देते हुए आगे से इसको न खाने की सलाह स्टूडेंट और उसके घर वालों को दे दी।

मैगी को लेकर ये दो केस आपको ये बताने के लिए काफी है कि दो मिनट में तैयार होने वाली ये खाद्य सामग्री सच में कितनी खतरनाक है। मैगी को लेकर ये बातें बहुत पहले से कही जाती रही हैं लेकिन कुछ दिनों पहले हुई इसकी जांच के बाद जब इसमे खतरनाक केमिकल के मिलने की पुष्टि हुई तो इसके यूज न करने की बात भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भी कह दी और पूरे देश में मैगी की सैम्पलिंग शुरू हो गई। अपने शहर बनारस में भी एक सप्ताह के दौरान आठ अलग-अलग एजेंसीज और दुकानों से मैगी की सैम्पलिंग करने के बाद इनको जांच के लिए भेजा जा चुका है।

निकला है काफी खतरनाक केमिकल

महज दो मिनट में झट से तैयार होने वाली मैगी आपकी सेहत को इतना बिगाड़ सकती है कि नौबत अस्पताल तक पहुंचने की आ सकती है। ये हम नहीं बल्कि खुद यूपी खाद्य नियामक प्राधिकरण का कहना है। दरअसल पिछले दिनों बाराबंकी में मैगी की सैम्पलिंग के बाद कोलकता की लैब में हुई इसकी टेस्टिंग के दौरान इसमे मिले लेड और मोनोसोडियम ग्लूटामेट की मात्रा आवश्यकता से अधिक पाई गई। फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट के मुताबिक मैगी की जांच में इन केमिकल की मात्रा क्7 पीपीएम (पा‌र्ट्स पर मिलियन) पाई गई है जबकि इसकी वास्तविक मात्रा 0.0क् पीपीएम होनी चाहिए। यानि मैगी में मिले इस खतरनाक केमिकल की मात्रा आवश्यकता से कहीं अधिक है। जो हर उम्र के लोगों खासतौर पर बच्चों के लिए तो बहुत ही खतरनाक है। जानकारों की मानें तो मैगी के अंदर जो केमिकल मिले हैं उनके सेवन से अवसाद के साथ बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी प्रभावित होता है।

लेकिन है सबकी फेवरेट

मैगी के अंदर निकले इन केमिकल्स के बाद जो मम्मी कल तक बच्चों को खुद झटपट इसे बनाकर परोसती थी। वही आज बच्चों को इससे दूर करने में लग गई हैं। बच्चों के टिफिन से लेकर स्कूल से आने के बाद तक मैगी हर घर की फेवरेट है। सबसे फेवरेट और इजी टू कुक इस फूड के दीवाने हर उम्र के लोग हैं। बच्चे बूढ़े और जवान सबकी फेवरेट है मैगी लेकिन इस सर्वे के बाद मैगी को जानलेवा बताया जा रहा है। जिसके बाद अब लोग दो मिनट में तैयार होकर भूख मिटाने वाले किसी दूसरे फूड प्रॉडक्ट की तलाश में जुट गए हैं।

क्या है मोनोसोडियम ग्लूटामेट

एमएसजी यानी मोनो सोडियम ग्लूकामेट एक तरह का स्लो पॉइजन होता है। वहीं लेड भी स्लो पॉइजन का ही काम करता है। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक सफेद रंग का चमकीला सा दिखने वाला मोनोसोडियम ग्लूटामेट यानी अजीनोमोटो एक सोडियम साल्ट है। जिसका इस्तेमाल डिब्बाबंद और चाइनीज डिशेज में होता है। यह ऐसा मसाला है जो बहुत ही खतरनाक हो सकता है। इस केमिकल का इस्तेमाल खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि हमारी स्वाद ग्रन्थियों के कार्य को दबाने के लिए किया जाता है। यानि जब हम कोई ऐसी चीज खाते हैं जिसका स्वाद बुरा हो सकता है यह केमिकल उस डिश के बुरे स्वाद को हमारे शरीर में जाने के बाद दबाने का काम करता है। जिससे हमारी बॉडी के कई इंटरनल पा‌र्ट्स के डैमेज होने का भी खतरा रहता है।

सिर्फ मैगी ही नहीं और भी फूड हैं खतरनाक

मैगी की तरह ही बहुत से ऐसे आहार हैं जिनमें मोनोसोडियम ग्लूटामेट और लेड दोनों पाये जाते हैं और ये फूड लगभग हर किसी की खाने पीने की फेवरेट लिस्ट में शुमार हैं। फूड सेफ्टी विभाग के एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक डिब्बाबंद खाद्य सामग्री, समेत चाइनीज रेसिपी, प्रोसेस्ड फूड, चिप्स, नमकयुक्त स्नैक्स, आदि में मोनोसोडियम ग्लूटामेट होता है। इसके अलावा कई ऐसी प्राकृतिक चीजें भी ऐसी हैं जिसमे लेड की मात्रा प्राकृतिक रुप से मौजूद होती है और ये आहार स्वास्थ्य के लिहाज से हानिकारक हैं। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक आलू, टमाटर, टमाटर जूस, मशरूम, अंगूर, दूसरे जूस, पनीर आदि में एमएसजी होता है। हालांकि एमएसजी की एक सीमित मात्रा नुकसानदेह नहीं होती लेकिन अगर इसे अधिक मात्रा में लिया जाये तो यह सेहत को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।

बाजार से गायब हुई मैगी

मैगी को लेकर चल रहे विवाद का असर भी मार्केट में दिखने लगा है और इसकी आमद कम होने से मार्केट से मैगी गायब हो रही है। आई नेक्स्ट टीम शुक्रवार को मैगी को लेकर जब रियलिटी चेक करने निकली तो कई दुकानों पर पहुंचाने के बाद मैगी नदारद थी। एक दो दुकानों पर मिली भी तो एक दो पैकेट्स।