70 फीसदी से ज्यादा शहर में रहा महाबंद, 450 करोड़ रुपए का बिजनेस ठप

बाजार में पसरा सन्नाटा, मेडिकल स्टोर पर ताले, सैलानी में व्यापारी गुट भिड़े

शहर की सड़कों पर आधी रही भीड़, गली-कूचे की दुकानों पर महाबंद बेअसर

BAREILLY: बरेली में चरमराई बिजली व्यवस्था के खिलाफ ट्यूजडे को व्यापारियों ने शहर में तालेबंदी कर दी। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की अगुवाई में व्यापारियों ने शहर में महाबंद का जो शंखनाद किया था, उसका असर साफ देखने को मिला। महाबंदी के चलते पूरे बरेली में ब्भ्0 करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यवसाय ठप हो गया। शहर की 70 फीसदी से ज्यादा दुकानों व बाजार पर ट्यूजडे को ताले पड़े रहे। महाबंद के चलते सड़कों पर भी आम दिनों के मुकाबले भीड़ बेहद कम रही। इक्का-दुक्का जगह दुकाने बंद करने को लेकर झड़प हुई, लेकिन पूरे महाबंद के दौरान किसी भी तरह की अशांति, अराजकता या अप्रिय घटना नहीं हुई। तमाम आशंकाओं के बावजूद महाबंद पर राजनीतिक रंग का असर भी नहीं देखने को मिला। लेकिन सवाल बरकरार है कि आखिर इस महाबंद और ब्भ्0 करोड़ रुपए की कीमत पर शहर की बिजली व्यवस्था कैसे और कब दुरुस्त हाे सकेगी।

सड़कों पर जाकर महाबंद की अपील

महाबंद को कामयाब बनाने के लिए व्यापारियों ने सुबह से ही दुकाने व बाजार बंद कराने की अपील शुरू कर दी। बाइक और कार पर सवार व्यापारियों का काफिला सुबह क्क् बजे से ही सड़कों पर महाबंद को सफल बनाने के उमड़ पड़ा। व्यापारी गुट ने शहामतगंज, कालीबाड़ी, अयूब खां चौराहा, मिशन मार्केट और बटलर प्लाजा मार्केट में खुली कुछ दुकानों को बंद करने और महाबंद में सहयोग करने की अपील की। व्यापारी संघ ने शहर में चार जगह शहामतगंज, किला कॉलेज रोड, कचहरी व सैलानी पर अपने कैम्प ऑफिस खोल महाबंद की धमक मजबूत की।

70 फीसदी दुकानों पर ताला

बिजली संकट को लेकर किया गया व्यापारियों का महाबंद का अंादोलन काफी कामयाब रहा। सिविल लाइंस, पुराना शहर और बरेली के पॉश एरिया के बाजारों पर महाबंदी का असर रहा। शहर के सुभाषनगर मार्केट, सैलानी, शहामतगंज, काली बाड़ी, चौपुला रोड, नॉवेल्टी, किला, कचहरी, कोहाड़ापीर, कुतुबखाना, साहूकारा, इंदिरा मार्केट, बड़ा बाजार, डीडीपुरम और डेलापीर के बाजार बंद रहे। वहीं इस्लामिया मार्केट, जखीरा और रोडवेज पर इलेक्ट्रानिक मार्केट में महाबंद का मिला जुला असर रहा। यहां कई दुकानें खुली रहीं जबकि ज्यादातर पर ताले पड़े रहे।

हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर खुले रहे

महाबंद में शहर के बरेली डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एसोसिएशन व महानगर बरेली केमिस्ट एसोसिएशन ने भी हिस्सा लिया था। महाबंद के चलते दोनों एसोसिएशन ने बरेली में ख्800 से ज्यादा मेडिकल स्टोर बंद होने के दावे किए थे। ट्यूजडे को कई जगह यह दावे सच साबित हुए। हालांकि प्राइवेट नर्सिग होम व हॉस्पिटल के अंदर और इनके आस-पास के मेडिकल स्टोर पर महाबंद का असर नहीं था। सिविल लाइंस, डीडीपुरम, पुराने शहर और चौपुला रोड पर डॉक्टर्स की क्लीनिक के नजदीक बने मेडिकल स्टोर भी इस दौरान खुले रहे।

पेट्रोल-सीएनजी के लिए मारामारी

शहर में महाबंद के चलते एक ओर दुकानों में ताले पड़ गए तो वहीं कइयों की गाडि़यों पर भी कुछ समय के लिए ब्रेक लग गए। महाबंद में पेट्रोल व सीएनजी संगठनों ने भी आंशिक हिस्सेदारी की थी। इससे सुबह से लेकर दोपहर क् बजे तक शहर के तमाम पेट्रोल पंप व सीएनजी स्टेशन पर भी बंदी छाई रही। इसके चलते ऑटो, बस व टैम्पो के साथ ही आम जनता को भी पेट्रोल-डीजल व सीएनजी के लिए काफी तरसना पड़ा। दूर दराज के इलाकों से लोग शहर में पेट्रोल की तलाश में पेट्रोल पंप्स के चक्कर लगाते रहे लेकिन मायूस ही रहे।

व्यापारी गुटों में हुई भिड़ंत

ट्यूजडे को सुबह ही सैलानी के कपड़ा व्यापारियों ने महाबंद को नकारते हुए अपनी दुकानें खोल दी थीं। इस पर महाबंद का समर्थन कर रहे व्यापारियों ने वहां पहुंचकर दुकाने बंद करने को कहा। महाबंद का विरोध कर रहे लोकल व्यापारियों व समर्थक व्यापारियों में तीखी झड़प हो गई। इससे नाराज लोकल व्यापारी एसपी सिटी से मिलकर घटना की शिकायत करेंगे। वहीं कुतुबखाने पर जनता मेडिकल स्टोर को बंद करवाने की जिद पर भी व्यापारी गुटों में टकराव हुआ। इसके अलावा अयूब खां चौराहे पर बंद दुकाने खुलवाने की जिद कर रहे बरेली व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष नासिर सिद्दिकी से कोतवाली इंचार्ज की झड़प हो गई।

गली-कूचे की दुकानें खुली

शहर में 70 फीसदी से ज्यादा की महाबंदी के बावजूद गली-मोहल्ले की दुकानों पर इसका असर नहीं पड़ा। गली-कॉलोनी की छोटी दुकानें महाबंद पर भी खुली रही। इनमें किराने की दुकानों की तादाद सबसे ज्यादा थी। शहर में भी जिन एरिया में दुकानें खुली रहीं, उनमें कपड़े व किराने की दुकानें ही ज्यादा रही। इसके अलावा बटलर प्लाजा की आधी दुकानें खुली रहीं। वहीं मिशन मार्केट की कपड़ा दुकानों पर भी महाबंदी के बावजूद ताले नहीं थे। हालांकि पटरी-फेरी वालों के स्टॉल आम दिनों की तरह लगे रहे। इसके अलावा कई दुकानों में शटर आधे ही गिराकर बिक्री जारी रही।

नहीं दिखा सियासी टकराव

बरेली महाबंद को कुल क्म्ब् व्यापारी गुटों का समर्थन हासिल था। जबकि महज क्ब् व्यापारी गुट ही इसके खिलाफ रहे। इसके अलावा ऑटो चालक संघ और दूध संघ ने भी महाबंद का विरोध किया था। सूबे में चरमराई बिजली व्यवस्था के खिलाफ भाजपा समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी महाबंद का समर्थन किया। इसके खिलाफ सपाइयों ने भी विरोध का बिगुल फूंक दिया था। महाबंद के जरिए बरेली में एक बार फिर सपा और भाजपा एक दूजे से भिड़े हुए थे। इसके चलते ट्यूजडे को किसी भी घटना या विरोध के लिए जिला प्रशासन अलर्ट था। हालांकि महाबंद के दिन सियासी पार्टियों की ओर से ऐसी कोई प्रतिक्रिया सड़कों पर देखने को नहीं मिली और न ही टकराव के हालात पैदा हुए।

-बिजली व्यवस्था के खिलाफ बरेली में महाबंद पूरी तरह सफल रहा। महाबंद में ब्भ्0 करोड़ का व्यवसाय ठप रहा। व्यापारी वर्ग ही नहीं आम जनता ने भी महाबंद को समर्थन किया। सभी बाजार बंद रहे हालांकि कुछ दुकानें खुली रहीं।

- राजेन्द्र गुप्ता, महानगर अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल

हमने बरेली में बंद बाजारों को खुलवाने के लिए जुलूस निकाला। शहर में बंद 70 फीसदी दुकानों को हमने खुलवाया। महाबंद से बिजली व्यवस्था में सुधार नहीं होगा। इससे व्यापारियों का नुकसान ही हुआ है।

- विशाल मेहरोत्रा, युवा महानगर अध्यक्ष, उप्र उद्योग व्यापार संगठन