RANCHI : कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार बसंत सोरेन की राज्यसभा में जाने की राह आसान हो चली है। मंगलवार को उन्होंने विधानसभा में अपना पर्चा दाखिल किया। बसंत की नामजदगी में कांग्रेस के पांच विधायक प्रस्तावक बने। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन व पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक दल के नेता सुखदेव भगत समेत सभी विधायक मौजूद थे।

बीजेपी ने लगाया दांव

झारखंड से राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव होना है। एक सीट पर भाजपा उम्मीदवार व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की जीत लगभग तय है तो दूसरी सीट के लिए महेश पोद्दार को मैदान में उतारकर दांव खेला खेला। मुख्यमंत्री रघुवर दास की मौजूदगी में महेश पोद्दार ने भी मंगलवार को अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया। इस दौरान प्रस्तावक के तौर पर निर्दलीय विधायक भानू प्रताप शाही और गीता कोड़ा मौजूद थीं। अगर महेश पोद्दार विपक्ष के वोट में सेंध लगाने में कामयाब हो जाते हैं तो यह सीट भी बीजेपी की झोली में जा सकती है। हालांकि, झामुमो को कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद इसकी संभावनाएं काफी हद तक कम हो गई है।

बीजेपी का यह है गणित

विधानसभा में सहयोगी पार्टी आजसू और बीजेपी के कुल 47 विधायक है। पहली सीट की जीत के लिए 28 विधायकों के मत की जरूरत है, जो बीजेपी के पास मौजूद है, लेकिन दूसरी सीट के लिए पार्टी के पास 19 विधायक के मत है, जबकि जीत के लिए 9 और विधायकों के समर्थन की दरकार है। अभी तक झारखंड का जो रूझान रहा है, उसमें सीपीआई एमएल मतदान में भाग नहीं लेती है। इसके अलावा झाविमो ने भी राज्यसभा चुनाव को लेकर अपना पत्ता नहीं खोला है। ऐसे में जीत के लिए जरूरी मतों क जुगाड़ में पार्टी जुटी हुई है।